मशहूर शायर मुनव्वर की बेटी सुमैया राना ने थामा समाजवादी पार्टी का दामन

पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने कहा, "वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बदलाव होगा। भाजपा सरकार जब तक नहीं जाएगी, तब तक लोकतंत्र नहीं बच सकता, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा छोटे दलों के लिए दरवाजे खुले रखेगी....

Update: 2020-12-29 13:05 GMT

लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएएन) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के समक्ष सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस दौरान अखिलेश ने ऐलान किया कि सपा की सरकार बनने पर सीएए व एनआरसी के विरोध में आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

अखिलेश ने पार्टी कार्यालय में सुमैया राना और गोंडा से बसपा के सांसद प्रत्याशी रहे मसूद आलम को सपा की सदस्यता दिलाई। सुमैया राना सीएए के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर पर मोर्चा खोलने के बाद सुर्खियों में आई थीं। अखिलेश ने ऐलान किया कि यूपी में 2022 में सपा की सरकार बनने पर नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

इस मौके पर आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने कहा, "वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बदलाव होगा। भाजपा सरकार जब तक नहीं जाएगी, तब तक लोकतंत्र नहीं बच सकता। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा छोटे दलों के लिए दरवाजे खुले रखेगी। सपा लगातार छोटे दलों को जोड़ रही है। भाजपा सरकार विरोध में उठने वाली हर आवाज को दबाने के लिए झूठे मुकदमे लगा रही है।"

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उन्होंने कहा, "नया कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है। किसान आंदोलन में सपा ने लगातार सक्रिय भूमिका निभाई है। देश में किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर इतने मुकदमे नहीं दर्ज हुए, जितने सपा नेताओं पर आंदोलन के दौरान लगे। हम किसानों के लिए एक्सप्रेसवे के किनारे जो मंडियां बना रहे थे, वो इस सरकार ने बंद करवा दी।"

उन्होंने मांग की है कि किसानों को दोगुनी आय के बराबर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। बसपा से निष्कासित दो नेताओं ने भी मंगलवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इनमें सांसद प्रत्याशी मसूद खां व पूर्व विधायक रमेश गौतम हैं। अखिलेश ने इनके करीब अपने 200 समर्थकों को भी सपा ज्वाइन कराई।

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