न्यूज़ 18 ने योगी के बयान पर फैलाया रायता, जताया खेद तो जनता बोली चैनल बंद करो जीबी रोड पर बैठो

पूरा ध्यान दिल्ली की लाशों की अनदेखी करने पर मिले नोटों पर था, ग्राफिक्स कौन चेक करता...

Update: 2021-04-27 11:18 GMT

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की हालत इन दिनो क्या है किसी से छुपा नहीं है। बल्कि यहां जलती चिताओं का धुआं विदेशी अखबारों तक में दिख रहा है। बावजूद इस सबके भारत की गोदी मीडिया विज्ञापन तथा सिस्टम के मैनेजमेंट में लगी है। सरकार से पहले सही मायनो में देश का दुश्मन मीडिया ही बन गया है, जो लोगों तक तोड़-मरोड़कर सूचनाएं पहुँचा रहा है। कोविड संक्रमितों की संख्या व इससे मरने वालों के सही आंकड़े सेटिंगबाजी के कारण दब और छुप जा रहे हैं।

न्यूज 18 यूपी ने कल योगी के हवाले से चला दिया कि 'यूपी में ना के बराबर कोविड केस हैं।' बाद में जब जलती चिताओं के बीच गलती का अहसास हुआ तो चैनल ने अपनी गलती स्वीकारी। चैनल ने एक ट्वीट के हवाले से कहा कि 'गलत ग्राफिक्स चलने पर हमें खेद है। कल सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जहां ऑक्सीजन की कमी की बात है यूपी में ऑक्सीजन की कमी ना के बराबर है। पर जल्दबाजी में टाइपिंग गलती से ग्राफिक्स में चल गया कि यूपी में कोविड केस ना के बराबर है। इस गलती पर हमें खेद है।'

न्यूज 18 के ट्वीट पर स्मोकिंग किल्स नाम के अकाउण्ट यूजर ने लिखा कि 'इतने फ़ैक्ट चेक से गुज़रने के बाद एक खबर चलती है और वो भी ग़लत, पूरा एक दिन लग जाता है उसे हटाकर माफ़ी माँगने में। बेवक़ूफ़ किसे बना रहे हो? दलाली करनी है तो GB रोड पर बैठ जाओ न्यूज़ चैनल क्यूँ चला रहे हो।'

'ट्वीटर यूजर मनीषा जैन न्यूज 18 को रिप्लाई देते हुए लिखती हैं कि 'पूरा ध्यान दिल्ली की लाशों की अनदेखी करने पर मिले नोटों पर था, ग्राफिक्स कौन चेक करता? वैसे इस ग्राफिक्स के बदले कितने लिये? जो उपाधि आप लोगों के लिये है वो लिखना भी मर्यादा के बाहर है।'

यूजर विनीत कुमार तिवारी न्यूज 18 व सरकार के सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी को टैग करते हुए लिखते हैं कि 'ये भी देख लो माफिवीर ग़ाज़ीपुर में लोग ऑक्सीजन पर लेटे है इतनी ऑक्सीजन है कि शमसान गुलज़ार हो गए है। ऑक्सीजन के लिए भी छीना-झपटी।'

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