यूपी में चौकस व्यवस्थाओं के बीच कुत्तों ने नोच डाला जज के कोरोना संक्रमित अर्दली का शव
हिंडन श्मशान घाट में सड़क किनारे बनाए गए अंतिम संस्कार के अस्थायी प्लेटफार्म पर अंत्येष्टि के इंतजार में रखे जिला जज के अर्दली के शव को तमाम देर तक कुत्ते नोंचते रहे...
जनज्वार, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन मोक्ष स्थली श्मशान घाट पर नगर निगम की लचर व्यवस्था ने देखने वालों को झकझोर कर रख दिया। हिंडन श्मशान घाट में सड़क किनारे बनाए गए अंतिम संस्कार के अस्थायी प्लेटफार्म पर अंत्येष्टि के इंतजार में रखे जिला जज के अर्दली के शव को तमाम देर तक कुत्ते नोंचते रहे। अस्थायी अंतिम संस्कार के प्लेटफार्म की कोई फेंसिंग नहीं होने से कुत्ते कवर काटकर शव को नोच कर ले गए।
इस घटना के बाद परिजनों के साथ अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे लोगों ने विरोध जताते हुए मोक्ष स्थली प्रबंधन से मामले की शिकायत की है। दरअसल गोविंदपुरम निवासी जिला जज के अर्दली की रविवार 25 अप्रैल की देर रात करीब एक बजे संतोष अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। मौत के करीब साढ़े छह घंटे बाद तक परिजनों को एंबुलेंस नहीं मिली। कंट्रोल रूम के चक्कर लगाने के बाद सोमवार सुबह करीब आठ बजे शव को हिंडन श्मशान घाट ले जाने के लिए एंबुलेंस मिली।
हिंडन श्मशान घाट पर पहुंचने के पांच घंटे के बावजूद अंतिम संस्कार का नंबर नहीं आया। हिंडन श्मशान घाट पर घंटों खड़े परिजन शव को प्लेटफार्म के पास छोड़कर पास ही छांव में बैठ गए। तभी बगैर फेंसिंग के सड़क किनारे रखे शव पर कुत्ते झपट पड़े। आनन-फानन में परिजनों के चिल्लाने और भागकर आने से पहले ही कुत्ते शव का कवर काटकर शव नोच ले गए। इसके बाद परिजनों की श्मशान घाट पर तैनात कर्मचारियों से जमकर बहस हुई।
पास में अंतिम संस्कार के लिए इंतजार कर रहे लोगों ने भी घटना के बाद जमकर विरोध जताया। इसी बीच बीमार चल रहे मृतक के बेटे की भी तबियत बिगड़ने लगी। ऐसे में श्मशान घाट पर लचर व्यवस्था के कारण इस घटना के साढ़े तीन घंटे बाद भी शाम को उनका अंतिम संस्कार हुआ। हिंडन मोक्ष स्थली श्मशान घाट पर कुत्तों के शव को नोचने की घटना से नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है।
हिंडन श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह की ओर जाने वाली सड़क के किनारे नगर निगम ने हरित पट्टी में आधा दर्जन से अधिक अंतिम संस्कार के अस्थायी प्लेटफार्म बनाए हैं। इन अस्थायी प्लेटफार्म पर न तो कोई शेड है। और ना ही बराबर में कोई लोहे की फेंसिंग की गई है। साथ ही हरित पट्टी में शवों को जलाए जाने के कारण पास में लगे सभी पेड़ झुलस चुके हैं।
प्लेटफार्म के बराबर फेंसिंग नहीं होने के चलते आवारा कुत्तों से शवों को खतरा बना रहता है। निगम की इसी लापरवाही के चलते सोमवार को शव को कुत्तों के नोचने की घटना घट गई। हिंडन श्मशान घाट पर कोरोना के मरीजों के आ रहे शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
कोरोना से हुई मौत के बाद जिला जज के अर्दली का हिंडन श्मशान घाट पर करीब नौ घंटे के बाद अंतिम संस्कार हो सका। शवों के अंतिम संस्कार के लिए टोकन मिलने के बाद करीब दो से ढाई घंटे में लकड़ी उपलब्ध हो पा रही है।