य मोदिया कुछ नाई दई रहा भईया, स्टेशन पर भीख मांगने को मजबूर बूढ़ी महिला ने कहा

'भईया हमारी भी सुन लो जरा, य मोदिया कुछ नाई दई रहा है।' मूलता प्रतापगढ़ के तेलियाना की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला कोरोना की फैली महामारी से पहले अपने खाली पेट के लिए सरकार और उसकी नीतियों को कोस रही थी...

Update: 2021-04-17 09:28 GMT

जनज्वार, कानपुर।बढ़ते कोरोना केसों के बीच उत्तर प्रदेश में त्राहिमाम मची हुई है। यहां के अधिकतर शहरों समेत कानपुर में भी रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक पूर्णतया लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है। अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है और जनता भय में जी रही है। ऐसे में सरकार के रहमोकरम और मुख्यता भीख आदि मांगकर बसर करने वाले लोग भी भयंकर तौर पर परेशान हैं।

आज 17 अप्रैल की सुबह के कोई सात पौने सात बजे कानपुर सेंट्रल के प्लेटफार्म नम्बर 8-9 पर एक महिला बदहवास सी स्थिति में भागती हुई आई। 'भईया हमारी भी सुन लो जरा, य मोदिया कुछ नाई दई रहा है।' मूलत: प्रतापगढ़ के तेलियाना की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला कोरोना की फैली महामारी से पहले अपने खाली पेट के लिए सरकार और उसकी नीतियों को कोस रही थी।

बुजुर्ग महिला का कहना था कि उसका बच्चा बीमार है। गांव के प्रधान ने उसका राशन भी बंद कर दिया है। पेंशन कभी नहीं दी। वह अपने बच्चे के इलाज के लिए इधर-उधर भटककर भीख मांग रही है। कोरोना के चलते अब कोई भीख भी नहीं देता है। महिला का गांव प्रतापगढ़ के तेलियाना में है, जहां के प्रधान पर वो अनदेखी और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही थी। महिला को मोदी से रही उम्मीद अब खत्म हो चुकी है।

अब उस भीख मांग रही महिला को हम क्या बताते कि उनका मोदिया कुछ देने की बजाय सबका सबकुछ लई ले रहा है। मोदिया बेशर्मी की सभी सीमाओं को पार करते हुए आमजन को मरता छोड़ चुनावी सभाओं में बेशरम बनकर दूसरे नेताओं पर आरोप लगा रहा है। जलती चिताओं को छुपवाए दे रहा है। और लोग किसी मजबूर जानवर की तरह यह सब होते देख रहे हैं।   

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