हाथरस कांड के बाद बंगाल में चुनावी रैली करते योगी हुए ट्रोल, तृणमूल सांसद नुसरत जहां ने लिखा सदमे में हूं

टीएमसी सांसद नुसरत जहां कहती हैं, बीजेपी शासित उत्त्तर प्रदेश में जो भयावह स्थिति बनी है उसे बयान करने के लिए शब्‍द नहीं मिल रहे, योगी आदित्‍यनाथ इस परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता क्‍यों नहीं दे सकते? क्‍या बंगाल का चुनाव बीजेपी के लिए अधिक महत्‍वपूर्ण है...

Update: 2021-03-03 05:24 GMT

file photo

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। सोमवार 1 मार्च को हाथरस में बेटी से छेड़खानी के विरोध में किसान पिता की हत्या के बाद मंगलवार 2 मार्च को योगी आदित्यनाथ पश्चिम बंगाल की जनसभा को संबोधित कर रहे थे। हाथरस में पिता की मौत के बाद बेटी मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रही थी तो सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ बंगाल रैली में दो मई के बाद टीएमसी के गुंडों को जान की भीख मांगने की बात कह रहे थे।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने हाथरस कांड के बाद बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहे सीएम योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधते हुए लिखा है, -SHOCKING! बीजेपी शासित उत्‍तर प्रदेश में जो भयावह स्थिति बनी है उसे बयान करने के लिए शब्‍द नहीं मिल रहे। योगी आदित्‍यनाथ इस परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता क्‍यों नहीं दे सकते? क्‍या बंगाल का चुनाव बीजेपी के लिए अधिक महत्‍वपूर्ण है?'

कल 2 मार्च को बंगाल में योगी की चुनावी सभा के बाद मीडिया के तमाम धड़े लीड चला रहे थे कि 'योगी से डरी टीएमसी' तो कोई लिख रहा था कि 'योगी को देखकर टीएमसी के गुंडे भूमिगत हो गए।' जनता ने कहना शुरू कर दिया है। हाथरस की बेटी की आंख से निकलते आंसू और सिसकी रीढ़विहीन हो चुकी मीडिया को नहीं दिख रही थी। योगी मोदी की शान में कसीदे कढ़े बनाये जा रहे थे। चुनाव परिणाम से पहले ही व्यापारी एंकरों ने भाजपा को बंगाल में जीत दिला दी है, लेकिन सोशल मीडिया में हाथरस को लेकर यूपी सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी गई है।

ट्विटर यूजर योगेश मीना अपने हैंडल पर लिखते हैं 'अगर इतने बलात्कार के मामलों के बाद भी -भक्त इस माफिया का बचाव कर रहे हैं और इसे "राम राज्य" कह रहे हैं तो कोई और नहीं बल्कि वे केवल भगवान राम का अपमान कर रहे हैं।

# हाथरस_अगेन

अन्य यूजर आशीष कुमार भुनियां कहते हैं 'बड़ा गुंडा योगी जी, आप योगी के खिलाफ कुछ भी न कहें, नहीं तो खत्म कर दिये जाओगे।'

# हाथरस # हाथरस_अगेन

#BJPHataoBetiBachao

डॉ जितेंद्र अहवाद लिखते हैं कि 'वह मूल्य जो एक पिता ने अपनी पीड़ित बेटी को खड़े होने, बोलने और समर्थन करने के लिए भुगतान किया; जिसके कारण जमानत पर बाहर आए अभियुक्तों के हाथों उसका दुखद अंत हो गया। दिल दहला देने वाली छवि .. मामलों की दयनीय स्थिति।'

# हाथरस_अगेन

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