उमा भारती के साथ ऐसा क्या हुआ कि वह मंदिर शिलान्यास में जाने को हो गईं तैयार
राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने पर उमा भारती ने यू टर्न लिया है। उन्होंने कहा है कि मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अधिकारियों के निर्देश पर उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला लिया है...
जनज्वार। भाजपा की वरिष्ठ नेता व राम मंदिर आंदोलन की प्रमुख चेहरा रहीं उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राम जन्मभूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का अपना इरादा बदल लिया है। उमा भारती ने बुधवार सुबह एक ट्वीट कर कहा कि वे मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बंधी हैं। उन्हें रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थली पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है, इसलिए वे इस कार्यक्रम मंें उपस्थित रहेंगी।
मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बँधी हूँ । मुझे रामजन्मभूमी न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थली पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है । इसलिये मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहूँगी । #RamMandirBhumiPujan
— Uma Bharti (@umasribharti) August 5, 2020
इससे पहले सोमवार को उमा भारती ने प्रेस बयान व ट्वीट के माध्यम से कहा था कि वे राम जन्मभूमि पूजन के मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अयोध्या में रहने के बाद भी शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा था कि वे भोपाल से अयोध्या चार तारीख की शाम में पहुंच जाएंगी लेकिन जब मुख्य कार्यक्रम होगा तब वे कार्यक्रम स्थल से दूर सरयू नदी के तट पर रहेंगी और प्रधानमंत्री के अयोध्या से जाने के बाद राम लला का दर्शन पूजन करेंगी। उमा भारती ने इसकी एक वजह कोरोना संक्रमण व प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की चिंता को बताया था। उन्होंने पूरे मामले को गृहमंत्री अमित शाह के कोरोना से संक्रमित होने को भी जोड़ा था। उमा भारती ने प्रधानमंत्री कार्यालय व राम मंदिर ट्रस्ट से भी खुद का नाम कार्यक्रम में शामिल होने वालों की सूची से हटाने का आग्रह किया था।
हालांकि उमा भारती ने बड़े तीखे अंदाज में टीवी चैनलों से बात करते हुए कहा था कि राम व अयोध्या भाजपा की बपौती नहीं है, यह पूरी दुनिया में उन तमाम लोगों की है जिनकी भगवान राम व अयोध्या में आस्था है।
उमा भारती अत्यंत स्वाभिमानी और नाराजगी न छिपाने वाली शख्स के रूप में पहचानी जाती हैं। ऐसे में संभव है कि जब उन्होंने कार्यक्रम में शामिल न होने का एलान किया हो तो इससे जुड़ी और वजहें भी हों। राम जन्म भूमि आंदोलन के दो बड़े चेहरे लालकृष्ण आडवाणी और डाॅ मुरली मनोहर जोशी को कार्यक्रम का आमंत्रण नहीं मिला है। उमा भारती आडवाणी-जोशी की करीबी रही हैं और काफी सम्मान भी करती हैं।
उमा ने आज ट्वीट में खुद कहा है कि मंदिर न्यास के अधिकारियों ने उन्हें उपस्थित रहने का निर्देश दिया है, इसलिए वे उपस्थित होंगी। उनके अयोध्या में रहने के बावजूद गैर मौजूद रहने से मीडिया के लिए यह एक बड़ी खबर बन जाती है और इससे आरएसएस, भाजपा व मंदिर न्याय तीनों की किरकिरी होती, इसलिए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें राजी करना आवश्यक था।
उमा भारती अयोध्या में राम जनभूमि स्थल पर पहुंच भी गईं हैं। उन्होंने कहा है कि अयोध्या ने सभी को एक कर दिया है, अब यहां देश पूरी दुनिया में माथा उंचा कर कहेगा कि यहां कोई भेदभाव नहीं है।
#Ayodhya ne sabhi ko ek kar diya hai....Ab yeh desh poori duniya mein apna matha uncha utha kar kahega ki yahan koi bhed-bhav nahi hai: BJP leader Uma Bharti at Ram Janambhoomi site pic.twitter.com/NfRLqu2flD
— ANI (@ANI) August 5, 2020