यूपी: झूठा आरोप पंजीकृत कराने के मामले में 7 पुलिसकर्मी निलंबित, 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
उप निरीक्षक आद्या प्रसाद यादव तथा उप निरीक्षक नेमतुल्लाह खां को विवेचना में लापरवाही, शिथिलता तथा उदासीनता बरतने, अभियोग पंजीकरण के बाद सही तथ्य को जानने के लिए कोई साक्ष्य संकलन न करने के कारण निलंबित किया गया है....
संतोष देव गिरी की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो/भदोही। यूपी पुलिस की साख का बट्टा लगता ही जा रहे हैं। मिर्जापुर के लालगंज थाने पर तैनात दरोगा को स्वजातीय सांसद को बचाने की गरज से गवाहों को धमकाने के मामले में निलंबित किये जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि भदोही के कोईरौना थाने के 7 पुलिसकर्मी को झूठा आरोप पंजीकृत कराने के मामले में निलंबित कर दिया गया। जबकि कोइरौना थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी संजय राय, उप निरीक्षक रामाशीष, आरक्षी रविन्द्र कुमार, विष्णु सरोज, प्रदीप कुमार कुमार पर केस दर्ज हुआ है।
जानकारी के अनुसार, अपर पुलिस अधीक्षक प्रोटोकॉल जनपद वाराणसी के अनुराग दर्शन की जांच आख्या के आधार पर शनिवार 2 जनवरी 2021 को थाना कोईरौना के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार राय, उप निरीक्षक रामाशीष, आरक्षी रविंद्र कुमार, आरक्षी प्रदीप कुमार तथा आरक्षी विष्णु सरोज थाना कोईरौना जनपद भदोही को झूठा अभियोग पंजीकृत कराने के कारण इनके विरुद्ध मु.अ.सं. 01/2021 धारा 167,182,220, भा.द.वि. के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है तथा 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। उप निरीक्षक आद्या प्रसाद यादव तथा उप निरीक्षक नेमतुल्लाह खां को विवेचना में लापरवाही, शिथिलता तथा उदासीनता बरतने, अभियोग पंजीकरण के बाद सही तथ्य को जानने के लिए कोई साक्ष्य संकलन न करने के कारण निलंबित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई 2020 को तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कोइरौना थाना संजय कुमार राय के पर्यवेक्षण में उप निरीक्षक राम आशीष मय हमराही पुलिस आरक्षी रविंद्र कुमार, आरक्षी प्रदीप कुमार तथा आरक्षी विष्णु सरोज द्वारा 40 बंधुआ मजदूर को अवमुक्त कराया गया था तथा ट्रक चालक का चालान कर ट्रक नंबर एम.एच.15 जी.वी. 6324 को सीज करते हुए ट्रक चालक के विरुद्ध थाना कोईरौना थाने पर मु.अ.सं.101/2020 धारा 370(5) भा.द.वि. का अभियोग झूठे तथ्यों के आधार पर पंजीकृत कराया गया था। जिसकी विवेचना उप निरीक्षक आद्या प्रसाद यादव तथा उप निरीक्षक नेमतुल्लाह खान द्वारा की गई थी।
विवेचना में विवेचको द्वारा सही तथ्यों को उजागर न करते हुए वादी मुकदमा के पक्ष में लापरवाही पूर्ण विवेचना की गई। जिसके कारण दोनों उप निरीक्षकों को निलंबित कर उनके विरुद्ध प्रारंभिक जांच की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा पंजीकृत करने के कारण उप निरीक्षक रामाशीष, आरक्षी रविंद्र कुमार आरक्षी विष्णु सरोज आरक्षी प्रदीप कुमार व गलत पर्यवेक्षण के कारण तत्कालीन थाना प्रभारी संजय कुमार राय के विरुद्ध मु.अ.सं. 01/2021 धारा 167,182,220 भा.द.वि का अभियोग पंजीकृत किया गया है। इस कार्रवाई से जहां पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है वहीं एक बार फिर यूपी पुलिस की मनमानी और बदरंग चेहरा सामने आया है।