UP : प्यार में रोड़ा बना BJP नेता और पुलिस, शादी करके फरार प्रेमी युगल ने योगी से गुहार लगाकर मांगी जान की भीख
शादी की खबर गांव वालों को लगी तो मानो जैसे भूचाल आ गया। लड़के और लड़की के ऊपर मौत मंडराने लगी। ठाकुर बिरादरी का उमाकान्त और जात की गौतम लड़की शानु की शादी के आगे उनकी जाति रोड़ा बनकर खड़ी हो गई...;

कानपुर देहात के डेरापुर निवासी उमाकांत और शानू के प्यार में रोड़ा बनी बिरादरी.योगी से लगाई जान की गुहार. photo - janjwar
जनज्वार, कानपुर देहात। कहते हैं 'ये इश्क नही आसान बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है' दुनियां की तारिखें गवाह रही हैं कि मोहब्बत करने वालों को एक होने के लिए लाखों जतन करने पड़ते है। जान का जोखिम तक उठाना पड़ता है, इश्क जब जात बिरादरी की दहलीज पार करता है तो उसकी जान के दुश्मन भी तमाम होते है। कानपुर देहात में कुछ यही हुआ है।
दरअसल कानपुर देहात में डेरापुर गांव के रहने वाले उमाकांत और शानु एक दुसरे से बेइन्तेहाँ प्यार करने लगे और जब दोनो का प्यार परवान चढ़ा तो शादी में बदल गया। दोनों ने साथ जीने और मरने का इरादा कर लिया। शादी कानपुर के एक आर्यसमाज मंदिर में हुई और कानपुर कचहरी परिसर में शादी को रजिस्टर भी कराया गया।
जैसे ही दोनो की शादी की खबर गांव वालों को लगी तो मानो जैसे भूचाल आ गया। लड़के और लड़की के ऊपर मौत मंडराने लगी। ठाकुर बिरादरी का उमाकान्त और जात की गौतम लड़की शानु की शादी के आगे उनकी जाति रोड़ा बनकर खड़ी हो गई। एक दूसरे के साथ उम्र भर साथ रहने की कसमें खाने वाले दोनो प्रेमी अब मौत के डर से दर-बदर भटक रहे हैं।
प्रेमी जोड़े के वायरल वीडियो ने उनके इस डर के पीछे की कहानी खोल कर रख दी है। वीडियो में जोड़ा पहले तो अपने अपने परिवार पर ही उंगली उठा रहा है, कि उनका परिवार उन दोनों की हत्या करवा सकता है। हालाकि 400 परिवारों का ये गांव जिसमे सिर्फ 396 परिवार ऊंची जाति के हैं। बाकी के 4 परिवार दलित समुदाय के हैं जिस जाति की लड़की है।
बात साफ है कि विरोध किस बात का है। अब सुनिए आगे की कहानी, जिसमें इस जोड़े ने कानपुर देहात पुलिस की कार्यशैली और उनकी सांठ-गांठ की बाबत बोली है। इसके बाद उन्होंने अपनी जान के खतरे को लेकर बीजेपी के किसी नेता का भी ज़िक्र कर डाला है। मामले में देहात पुलिस ने लड़के के ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया है, और प्रकरण में लड़के के चाचा को 2 दिन से थाने में बिठा रखा है।
अंर्तजातिय विवाह भले ही समाज के कुछ हिस्से में अभी भी गलत माना जाता हो, लेकिन हमारा कानून इसे पूरी तरह से इजाज़त देता है। लेकिन जब कानून के रखवालों पर आरोप लगने लगे तो कोई क्या करे। अब देखना है कि मौत के साये से भागते ये दोनों अपने गांव कैसे आएंगे।