योगी ने किया अर्णब की गिरफ्तारी का विरोध, जनता बोली सूप बोले तो बोले छलनी भी बोले जिसमें 72 छेद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया को स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोकने का कुत्सित प्रयास है.....
लखनऊ। आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा के विषय बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता उनके समर्थन में उतर पड़े हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनकी गिरफ्तारी की निंदा की है। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ पत्रकार श्री अर्नब गोस्वामी जी की गिरफ्तारी कांग्रेस पार्टी के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार है। देश में इमरजेंसी थोपने व सच्चाई का सामना करने से हमेशा मुंह छुपाने वाली कांग्रेस पुनः प्रजातंत्र का गला घोंटने का प्रयास कर रही है।
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया को स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोकने का कुत्सित प्रयास है।'
उनके इस ट्वीट पर अब यूजर्स तरह तरह के तंज कस रहे हैं। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली के रोहिणी नगर से विधायक सरिता सिंह ने रिट्वीट कर लिखा, 'अभिव्यक्ति की आजादी की बात कम से कम आप तो मत करें। शोभा नही देती। सूप बोले तो बोले छलनी भी बोले जिसमे बहत्तर छेद।'
चंद्रदेव यादव नाम के एक यूजर ने लिखा, 'जिसने 50 पत्रकारों पर अपने राज्य में मुक़दमे कराके मुँह बंद कर दिए, वह भी प्रेस की स्वतंत्रता पर बोल रहा है। हाथरस में पत्रकारों को रोका, मिडडे मील में नमक रोटी व आदर्श गांव की बदहाली, बच्चों के जूते, स्वेटर की बात की,भ्रष्टाचार उजागर किया,कई पत्रकारों को जेल भेज दिया।'
बेरोजगार युवा क्रांतिकारी नाम के ट्विटर हैंडल ने उनके इस ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिका, 'हां योगी आदित्यनाथ जी, जब उत्तर प्रदेश के नौजवानों बेरोजगार युवाओं के ऊपर बिना किसी जुर्म के लाठीचार्ज एवं एफआईआर हो रहा था तब कहाँ चला गया था लोकतंत्र, मर गया था क्या, अब क्यों चिल्ला रहे हैं, अब लोकतंत्र जिंदा हो गया क्या, सही बात है यह कि अब कौन लोकतंत्र मारेगा।'
अर्णब गोस्वामी को आज सुबह मुंबई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है। वहीं उन्होंने पुलिस पर खुद से और परिजनों से मारपीट करने का आरोप भी लगाया है। बता दें कि उनकी यह गिरफ्तारी साल 2018 के एक सुसाइड मामले में हुई है। उनपर एक मां और बेटे को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है। इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नायक और उनकी मां ने सुसाइड कर लिया था। इस मामले की जांच अभी राज्य का सीआईडी विभाग कर रहा है। सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी और दो अन्य व्यक्तियों का कथित तौर पर जिक्र किया गया था।
वहीं उनकी गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पत्रकारों को बताया कि अर्णब गोस्वामी के खिलाफ यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।
देशमुख ने आगे बताया कि अन्वय नाइक की पत्नी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने मामले की फिर से जांच कराए जाने की अनुमति दी। इसके बाद ही मामले की जांच शुरू की गई और उपयुक्त पाए जाने पर गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है।