राममंदिर शिलान्यास के बाद एक हिन्दू कट्टरपंथी की भाषा बोले आदित्यनाथ, 'मैं कभी नहीं जाऊंगा मस्जिद के कार्यक्रम में'

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के बाद अपने टीवी इंटरव्यू में कहा है कि वे एक योगी के रूप में मसजिद निर्माण से जुड़े कार्यक्रम में कतई नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें न्यौता भी मिला तो कई लोगों का सेकुलरिज्म खतरे में आ जाएगा।

Update: 2020-08-07 04:52 GMT

राज जन्मभूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योगी आदित्यनाथ।

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच अगस्त को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर उन्हें अयोध्या में मसजिद निर्माण के बाद उसके उदघाटन के लिए बुलाया जाएगा तो वे वहां नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें किसी धर्म से परहेज नहीं है, लेकिन एक योगी के रूप में पूछेंगे तो कतई नहीं जाऊंगा।

उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें किसी धर्म से दिक्कत नहीं है और राजनीतिक नेता के रूप में जो लोग रोजा या इफ्तार में शामिल होते हैं, टोपी पहनते हैं, वे केवल सेकुलर होने का दिखावा करते हैं, यह सेकुलरिज्म नहीं है और जनता इसको समझती है।

योगी ने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि एक योगी के रूप में इसलिए वे कतई नहीं जाएंगे क्योंकि एक हिंदू के रूप में उनको अपनी उपासना विधि को व्यक्त करने और उसके अनुरूप कार्य करने का पूरा अधिकार है, लेकिन दूसरे के कार्य में जाने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है या उसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, 'याद रखना रोजा-इफ्तार में जाकर जो टोपी पहनते हैं, वह सेकुलरज्मि नहीं है, जनता जानती है वे ढोंग करते हैं'।

उन्होंने कहा कि मसजिद निर्माण में वे न वादी हैं और न प्रतिवादी हैं, इसलिए उन्हें इस प्रकार के कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा और न वे जाएंगे। 'क्या अगर बुलाने पर वे विचार करेंगे', इस सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा कोई निमंत्रण नहीं मिलने वाला है, लेकिन जिस दिन उन्हें बुला लिया जाएगा बहुत सारे लोगों का सेकुलरज्मि खतरे में पड़ जाएगा। अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मसजिद के निर्माण को लेकर होने वाले कार्यक्रम में जाने संबंधी सवाल पर कहा कि वे एक योगी के रूप में निश्चित रूप से उसमें नहीं जाएंगे, उन्होंने यह भी कहा कि वे लोग उन्हें बुलाएंगे नहीं।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के संबंध में दिए अपने फैसले में अयोध्या में ही अन्यत्र मसजिद निर्माण के लिए भूमि देने का आदेश दिया था। योगी से उसी के संबंध में सवाल पूछा गया था।

योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के राम जन्मभूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के संबंध में उठाए जा रहे सवालों पर कहा कि जिनके आदर्शाें से भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को ताकत मिली है, उन सबको संविधान की मूल प्रति में स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को भारत के मूल्यों की जानकारी नहीं है। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या जाना 135 करोड़ भारतीयों के लिए गौरव की बात है। 

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