UP Election 2022: आखिर अखिलेश यादव पत्रकारों से क्यों पूछने लगे ये राजा भैया कौन हैं?
UP Election 2022: मीडिया से बातचीत कर रहे अखिलेश यादव के तेवर उस समय तल्ख हो गए जब उनसे सवाल किया गया कि आखिर राजाभैया से उनकी क्या नाराजगी है। इस पर अखिलेश ने कहा कि ये कौन हैं, किसका नाम ले लिया। अखिलेश का जवाब सुनने के बाद वहां मौजूद सपाई जोश में आकर नारेबाजी करने लगे।
UP Election 2022: पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया और अखिलेश यादव के बीच आई तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि अभी चार दिन पहले ही राजभैया ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी। इसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई और राजाभैया के सपा से गठबंधन को लेकर चर्चाएं भी होने लगी थीं। एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे अखिलेश यादव की राजाभैया के प्रति नाराजगी साफ दिखी।
मीडिया से बातचीत कर रहे अखिलेश यादव के तेवर उस समय तल्ख हो गए जब उनसे सवाल किया गया कि आखिर राजाभैया से उनकी क्या नाराजगी है। इस पर अखिलेश ने कहा कि ये कौन हैं, किसका नाम ले लिया। अखिलेश का जवाब सुनने के बाद वहां मौजूद सपाई जोश में आकर नारेबाजी करने लगे।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधनों का दौर जारी है. पिछले हफ्ते जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी. इसके बाद प्रतापगढ़ में राजा भैया से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने पूछा, ये कौन हैं? उन्होंने कहा कि राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी. जिन दलों से गठबंधन हुआ है, उन्हीं के साथ चुनाव लड़ेंगे.
बता दें कि दबंग छवि वाले राजा भैया कुंडा से 1993 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं. वह भी बिना किसी दल के सहयोग के. वह पहली बार 1993 में वो कुंडा के विधायक चुने गए थे. उसके बाद से भदरी रियासत का यह राजकुमार कुंडा में अपराजेय है. राजा भैया के खिलाफ प्रतापगढ़ के कुंडा और महेशगंज पुलिस थाने के साथ-साथ प्रयागराज, रायबरेली और राजधानी लखनऊ में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, अपहरण समेत अन्य संगीन धाराओं के तहत कुल 47 मामले दर्ज हैं.
राजा भैया ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जानकी शरण को 1 लाख 3 हजार 647 वोट के अंतर से हराया था. राजा भैया को 1 लाख 36 हजार 597 और जानकी शरण को 32 हजार 950 वोट मिले थे. यह जीत उत्तर प्रदेश के विधानसभा में सबसे अधिक वोटों के अंतर से हुई जीतों में दूसरे नंबर पर थी.