UP Election 2022 : 1 नवंबर से शुरू होगा मतदाता पुनरीक्षण अभियान, घर बैठे बनिये वोटर
UP Election 2022 : पूरे माह तक चलने वाले अभियान में नए मतदाताओं का नाम सूची में शामिल किया जाएगा। साथ ही जिन मतदाताओं की मृत्यु हो गयी है या जिनका निवास स्थान बदल गया है, ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे।
UP Election 2022 : वोटर लिस्ट में यदि आपका नाम अभी तक शामिल नहीं हुआ है तो अभी अवसर है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर एक नवंबर से संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण अभियान शुरू होगा। इस दौरान युवा वोटर बनने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग (Election Commission Of Uttar Pradesh) के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि 1 नवंबर से 30 नवंबर के मध्य मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में सात, 13, 21 तथा 27 नवम्बर तक पुनरीक्षण होगा। अगर किसी को भी अपना नया वोटर आइडी कार्ड बनवाना है तो वह 30 नवंबर तक बनवा सकता है। पूरे माह तक चलने वाले अभियान में नए मतदाताओं का नाम सूची में शामिल किया जाएगा। साथ ही जिन मतदाताओं की मृत्यु हो गयी है या जिनका निवास स्थान बदल गया है, ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे। प्रत्येक रविवार को विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे सम्बंधित जानकारी
मतदाता हेल्पलाइन 1950 व पोर्टल की वेबसाइट www.voterportel.eci.gov.in या www.nvsp.in पर प्राप्त की जा सकती है। पोर्टल, मोबाइल एप या ऑनलाइन माध्यम से मतदाता सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं। जो लोग एक जनवरी 2022 को 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के हो रहे हैं, ऐसे लोग तत्काल अपना पंजीकरण कराएं। यदि हाल ही में किसी ने घर बदला है तो इसके अपना पता अपडेट कर सकते हैं। मतदाता पहचान पत्र में यदि कोई त्रुटि है तो उसे सही किया जा सकता है। आगामी वर्ष 2022 की 5 जनवरी तक मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा।
तबादलों पर रोक
इस अभियान के दौरान छोटे से बड़े सभी अफसरों के तबादलों पर रोक लगा दी गई है। इसके चलते अभियान चलाने तक यानी 5 जनवरी 2022 तक जिलाधिकारी से लेकर ब्लाक स्तर और बूथ लेवल तक के अधिकारियों के तबादले नहीं किए जा सकेंगे।
जारी सूची के अनुसार, मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान जिन अफसरों के तबादलों पर रोक लगाई गई है, उनमें डीएम, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बीडीओ, चकबंदी अधिकारी तथा सहायक चकबंदी अधिकारी और बीएलओ शामिल हैं।तब तक यह रोक जारी रहेगी। मिली जानकारी के अनुसार, रोक के दौरान यही किसी स्थिति में किसी अधिकारी का तबादला करना होगा तो उसके लिए शासन को चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी।