Breaking : UP के पूर्व मंत्री और बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति को हाइकोर्ट से मिली जमानत

गायत्री प्रजापति बेहद विवादित राजनेता रहे हैं, उन्हें अदालत से दो महीने के लिए राहत मिली है...

Update: 2020-09-04 08:19 GMT

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के विवादस्पद नेता गायत्री प्रजापति को हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई है। शुक्रवार को अदालत ने उन्हें दो महीने के लिए जमानत दी है। गायत्री प्रजापति समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री थे और नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के मामले को लेकर चर्चा में आए थे।

गायत्री प्रजापति उत्तरप्रदेश सरकार में खनन मंत्री रहे हैं। लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला देते हुए हाइकोर्ट में यचिका दायार की थी। वे पाॅक्सो एक्ट के तहत जेल की सजा भुगत रहे हैं।


अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैश्य ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी है। कोर्ट दो-दो लाख रुपये के दो जमानती और पांच लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है।

साथ ही हाइकोर्ट ने उन्हें कहा है कि पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों पर दबाव बनाने या प्रभावित करने का कार्य वे न करें।

इससे पहले गायत्री प्रजापति की पहली जमानत याचिका खारिज हो गई थी। उसके बाद उन्होंने नई याचिका दायर कर कहा कि वे गंभीर रोगों से पीड़ित हैं जिसके बाद अदालत ने उनका इलाज करवाने का निर्देश दिया। गायत्री प्रजापति ने यह दलील दी कि उन्हें केजीएमयू में जिस विभाग में भर्ती कराया गया है वहां कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है, क्योंकि वह कोरोना वार्ड के निकट है।  

गायत्री प्रजापति के खिलाफ 2017 में सामूहिक बलात्कार का केस दर्ज हुआ था। इस मामले में तीन जून 2017 को गायत्री प्रजापति के अलावा छह अन्य लोगों पर चार्जशीट दायर की गई थी, इसके बाद 18 जुलाई 2017 को लखनऊ की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सभी सात आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया।

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