यूपी के गृह सचिव ने खोल दी योगी सरकार की पोल, नदियों में तैरते सच को छुपाने के लिए कम कर दी टेस्टिंग
यूपी के कोरोना के मामलों के घटने की चालबाजी बेपर्दा हो गई है। जिसका सच खुद सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकार किया है। सरकार नेे कोर्ट में कबूला है कि उसने टेस्टिंग घटा दी है। हाईकोर्ट के आदेश के पैरा नंबर 02 में इसका उल्लेख किया गया है...
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनात सरकार का नया खेल सामने आया है। मातहतों ने कोरोना केस के आंकड़े कम करके दिखाने के लिए टेस्टिंग ही घटवा दी। न टेस्टिंग होगी और न ज्यादा केस सामने आएंगे जनता खुश रहेगी सो अलग कि योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में यूपी सरकार ने कोरोना पर विजय पा ली है। सरकार के आंकड़े भले ही कम हों लेकिन यूपी का सच तो नदियों में तैर रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि सरकारी आंकड़ों में यूपी के कोरोना के मामलों के घटने की चालबाजी बेपर्दा हो गई है। जिसका सच खुद सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकार किया है। सरकार नेे कोर्ट में कबूला है कि उसने टेस्टिंग घटा दी है। हाईकोर्ट के आदेश के पैरा नंबर 02 में इसका उल्लेख किया गया है। राज्य के गृह सचिव ने खुद शपथ पत्र देकर कबूल किया है कि टेस्टिंग कम कर दी गई है। पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध नहीं है।
हाईकोर्ट ने इसे लेकर गहरी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी सरकार का दायित्व है कि वह अपने नागरिकों की हिफाजत के लिए काम करें। वह अपने नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए। कोरोना जैसी महामारी से बचाने के लिए हरसंभव उपाय करे लेकिन यूपी सरकार अजीब है। वह चालबाजी करने में ज्यादा यकीन रखती है। उनकी सरकार ने कोरोना पर काबू पा लिया है, यह दिखाने के लिए टेस्टिंग ही कम कर दी गई है।
हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 'क्या ऐसी चालबाजी करने से कोरोना पर सरकार नियंत्रण कर लेगी? कोरोना पर काबू पाने के लिए गंभीरतापूर्वक काम करने की जरुरत है। सरकार की इस चालबाजी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी गहरी आपत्ति जताई है। कोर्ट ने साफ तौर पर नारागजी जाहिर करते हुए कहा कि टेस्टिंग कम कर कोरोना केस कम होने के दावे करना ठीक नहीं है। सरकार को टेस्टिंग की संख्या कम करने की बजाय और बढ़ाना चाहिए।
इससे पहले भी प्रदेश की योगी सरकार दावे करती रही है कि यूपी में सब ऑल इज वेल है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ कहते रहते हैं कि यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल ठीकठाक है। यहां के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध है। ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है। वेंटिलेटर भी मौजूद है। फिर भी मरने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है, यूपी में त्राहिमाम मचा हुआ है।