UP : बेटी के इलाज के लिए बाप ने बेच दी जमीन, फिर भी नहीं चुका पाया अस्पताल का बिल, हुई मौत

Update: 2021-03-06 05:02 GMT

जनज्वार, प्रयागराज। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ एक तरफ बच्चियों महिलाओं के लिए तमाम योजनाएं परियोजनाएं ला भेज रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ गरीबी और अभाव में उनके प्रदेश में एक बच्ची की दर्दनाक मौत हो जाने का मामला सामने आया है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि हवा हवाई वादों और योजनाओं वाले सीएम के प्रदेश में विसंगतीयों के अलावा और कुछ नहीं। प्रदेश में सब कुछ किसी मुंगेरीलाल के सपने से ज्यादा कुछ नहीं चल रहा है।

जनपद प्रयागराज के पिपरी थाना क्षेत्र स्थित रावतपुर के पास एक निजी अस्पताल में शुक्रवार 5 मार्च को एक बालिका की मौत के बाद हंगामा हो गया। बेटी की मौत से नाराज परिजनों ने चक्काजाम करते हुए हंगामा कर दिया। सूचना पर कई थानों की फोर्स के साथ सीओ मौके पर पहुंचे। ढाई घंटा बाद जाम खुलवाया गया। बालिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

दरअसल रावतपुर व घोसी गांव के बीच एक निजी अस्पताल है। इस अस्पताल में प्रयागराज के करेली थाना के करेंहटा गांव निवासी मुकेश मिश्रा ने अपनी तीन साल की मासूम बेटी खुशी को 20 दिन पहले यहां भर्ती कराया था। परिजनों का आरोप है कि 13वें दिन उसे जबरन बाहर निकाल दिया गया। परिजन उसको लेकर कई अस्पतालों में गए, लेकिन उसको भर्ती नहीं किया गया।

शुक्रवार 5 मार्च को परिजन उसको लेकर दोबारा उसी निजी अस्पताल पहुंचे। वह उसको भर्ती कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन भर्ती नहीं किया गया। इसी दौरान बच्ची की मौत हो गई। इससे आक्रोशित परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी होने पर गांव के भी तमाम लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने चक्काजाम कर दिया। जानकारी होने पर सीओ श्यामकांत सहित कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची।

परिजनों को किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया गया। मुकेश मिश्र ने मामले में डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही से इलाज करने की तहरीर दी है। साथ ही बताया कि बेटी का तीन जगह से आपरेशन किया गया था। उसके पेट में कई जगह टांका भी लगा हुआ है। पुलिस ने तहरीर लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सीओ श्यामकांत ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले में पत्रकार और एंकर आस्था कौशिक लिखती हैं कि 'शर्म से गड़ जाना चाहिए सिस्टम को।

यूपी के प्रयागराज में 3 साल की खुशी को पेट दर्द के बाद United Medicity Hospital भर्ती कराया गया। गरीब परिवार खेत बेचकर भी इलाज के 5 लाख न दे पाया, तो अस्पताल ने बिना टांके लगाए ही फटे पेट के साथ उसे बाहर निकाल दिया। अब इस बच्ची की मौत हो चुकी है।'

बेटी के इलाज के लिए पिता मुकेश मिश्रा ने अपना खेत बेच दिया था। इलाज में उसने करीब ढाई लाख रुपये खर्च किए थे। 13 दिन तक अस्पताल में भर्ती करने के बाद हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। अस्पताल का स्टाफ लगातार रुपये जमा करने के बात कह रहा था। इसके बाद भी उसको अस्पताल से जबरन बाहर निकाल दिया गया था। इससे परिजन परेशान थे। खुशी की मौत के बाद परिजन आगबबूला हो गए और विरोध करते हुए चक्काजाम कर दिया।

रावतपुर के पास स्थित प्राइवेट अस्पताल प्रयागराज शहर के एक उद्योगपति का बताया जा रहा है। यहां हंगामा होने लगा तो प्रयागराज तक हड़कंप मच गया। पुलिस इसको लेकर पूरी तरह से सतर्क हो गई थी। यही कारण है कि अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कई थानों की फोर्स के अलावा पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिस बल भेजा था। भारी पुलिस बल पहुंचने के बाद अधिकारियों ने किसी तरह लोगों को शांत कराया।

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