UP Nikay Chunav : यूपी निकाय चुनाव को लेकर सपा और AAP ने बनाई ये खास रणनीति, दांव पर BJP मंत्रियों की प्रतिष्ठा

UP Nikay Chunav : नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा समेत समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी हाईकमान ने मेयर पद के लिए मंथन भी शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह रविवार यानी कल कानपुर आ रहे हैं...

Update: 2022-10-08 15:05 GMT

UP Nikay Chunav : नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा समेत समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी हाईकमान ने मेयर पद के लिए मंथन भी शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह रविवार यानी कल कानपुर आ रहे हैं। इधर भाजपा ने भी आज नगर निकाय चुनाव को लेकर खास तरह की रणनीति पर काम किया है। 

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी निकाय चुनाव को लेकर काफी सक्रिय है। सपा ने पार्षद पद के लिए एक रुपये लेकर फॉर्म का वितरण करना भी शुरू कर दिया है। साथ ही प्रभारी भी नामित कर दिए गए हैं। पार्टी के नेताओं के मुताबिक, शहर के दो वरिष्ठ नेताओं के नाम मेयर पद के लिए सुझाव के तौर पर आलाकमान को बताए गए हैं। इसमें एक पूर्व सांसद और एक पूर्व विधायक शामिल हैं।

रविवार को कानपुर पहुँचेंगे संजय सिंह

आम आदमी पार्टी (aap) भी निकाय चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह रविवार 9 अक्टूबर को कानपुर आएंगे वह खुद ही इस अभियान की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही पार्टी वार्ड स्तर पर अपनी सक्रियता बढ़ा देगी। समाजवादी पार्टी ने 17 नगर निगम में मेयर और वार्डों के चुनाव में प्रत्याशी उतारने को लेकर तानाबाना लगभग तैयार कर लिया है।

कानपुर में सपा का संभावित प्रत्याशी

कानपुर की सीट पर सतीश निगम सपा की टिकट पर मेयर के प्रत्याशी हो सकते हैं। निगम पार्टी के कानपुर में तीनों विधायकों और संगठन की पसंद बताए जाते हैं। यूं तो दूसरा नाम भी चर्चा में हैं। सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी भी उन्हें उपयुक्त और लोकप्रिय नेता बताते हुए कहते हैं कि कानपुर यदि सामान्य सीट रही तो निगम क्या बुरे हैं। विधायक बताते हैं कि वरिष्ठ सपा नेता सुरेंद्र मोहन अग्रवाल के निवास पर मेयर प्रत्याशी को लेकर संभावित चेहरों पर हुई चर्चा में सतीश निगम का नाम सर्वोपरि था। आरक्षण को आगे रखकर अन्य नामों पर भी चर्चा हुई थी।

दांव पर भाजपा मंत्रियों की प्रतिष्ठा 

यूपी निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी (BJP) ने पूरी ताकत झोंक दी है। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में नए चेहरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। इसे लेकर मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इन्हें गृह जिले समेत प्रभार वाले निकायों में पार्टी का परचम फहराकर सियासी कौशल साबित करना होगा। बीजेपी ने सभी 17 नगर निगमों, 200 नगर पालिका परिषद सहित प्रमुख नगर पंचायतों में कमल खिलाने का लक्ष्य रखा है। मथुरा, वृंदावन, मेरठ, गाजियाबाद और मुरादाबाद नगर निगम को छोड़कर बाकी नगर निगम की कमान प्रदेश सरकार के मंत्रियों को सौंपी गई है।

बीजेपी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी नगर निगम का जिम्मा दिया है। वहीं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को आगरा नगर निगम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईपीएस की नौकरी छोड़कर आए समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को सहारनपुर और दानिश आजाद अंसारी को अमरोहा नगर पालिका परिषद की जिम्मेदारी सौंपी है। 2017 के निकाय चुनाव में बीजेपी ने 16 में से 14 नगर निगम में जीत दर्ज की थी. इस निकाय चुनाव में मेरठ और अलीगढ़ में बसपा को जीत मिली थी।

कब होंगे चुनाव?

यूपी में नगर निकाय चुनाव को लेकर हलचल बढ़ गई है। नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां आगामी 20 अक्तूबर के बाद और रफ्तार पकड़ेंगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों के लिए अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। आयोग की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पूर्व में ही निर्देश जारी किये जा चुके हैं कि 20 सितम्बर से चार अक्तूबर तक नवसृजित, सीमा विस्तारित, उच्चीकृत निकायों में वार्डवार वोटरों के स्थानांतरण की कार्यवाही पूरी की जाए।

इसके बाद पांच अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक मतदान केन्द्र, पोलिंग बूथ पर नियुक्त बूथ लेबल आफिसर द्वारा वार्डवार स्थानांतरित मतदाताओं का सत्यापन और अपने से संबंधित पोलिंग बूथ के सभी मतदाताओं के घर-घर जाकर सत्यापन कर वृद्धि, शुद्धि या नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कार्यवाही की जाएगी। 

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