मृत किसान की पत्नी और भाई पर यूपी पुलिस ने दर्ज किया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का मामला
सेरामऊ उत्तर के एसएचओ आशुतोष रघुवंशी ने बताया, 'बलविंदर सिंह की पत्नी जसवीर कौर, भाई गुरविंदर सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट के सेक्शन 2 की तहत मामला दर्ज किया गया है।'
पीलीभीत। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहले लापता हुए और फिर मृत पाए गए किसान की पत्नी और भाई पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इन दोनों पर पुलिस ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
भोपतपुर गांव के किसान बलविंदर सिंह 23 जनवरी को गाजीपुर की सीमा के लिए रवाना हुए थे। इसके एक हफ्ते बाद 1 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने उनके परिवार को फोन करके कहा कि बलविंदर सिंह की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद उनका शव परिजनों को सौंप दिया गया और बुधवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया था।
सेरामऊ उत्तर के एसएचओ आशुतोष रघुवंशी ने बताया, 'बलविंदर सिंह की पत्नी जसवीर कौर, भाई गुरविंदर सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट के सेक्शन 2 की तहत मामला दर्ज किया गया है।'
इस धारा से मतलब है कि जो भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर या सार्वजनिक श्य के तहत आने वाले किसी भी स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज या संविधान को जलाता है, या उसे खराब करता है, रूप परिवर्तन करता है, किसी भी तरह से अपमानित करता है, नष्ट करता है तो उसे 3 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
इसके अलावा सेक्शन 4 (डी) में कहा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का उपयोग राजकीय सम्मान के साथ किए जाने वाले अंतिम संस्कार या सशस्त्र बलों या अर्धसैनिक बलों के सैनिकों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के अंतिम संस्कार में तिरंगे का उपयोग करना भी इसके अपमान में शामिल है।
इस मामले को लेकर गुरविंदर ने कहा कि बलविंदर के शरीर पर तिरंगा लपेटने का एक कारण था। उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि किसान देश के लिए उसी तरह लड़ रहे हैं, जैसे सीमाओं पर सैनिक लड़ते हैं। लिहाजा बलविंदर किसानों के लिए शहीद हुए हैं और उनका अंतिम संस्कार एक पवित्र कार्य है। इससे देशभक्ति की भावना जुड़ी हुई है।'
इस बीच कई धार्मिक और किसान प्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार को अपना समर्थन दिया है। एक स्थानीय सिख नेता ने कहा, 'मैं पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा करता हूं और उप्र सरकार से मांग करता हूं कि वह पीलीभीत पुलिस से एफआईआर वापस लेने के लिए कहे। यदि विरोध करने वाले किसान के शव पर तिरंगा लपेटा जाता है, तो यह किसानों की देशभक्ति का प्रतीक है, ना कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान।'
वहीं आरएलडी की उप्र इकाई के उपाध्यक्ष मनजीत सिंह संधू ने कहा, 'किसानों की आवाज को दबाने के लिए एफआईआर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि एफआईआर वापस नहीं ली गई तो सड़कों पर बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। परिवार ने तिरंगे का अपमान नहीं किया है।'
इसके अलावा बलविंदर के परिवार ने उनकी मौत को लेकर भी सवाल उठाया है। उनके छोटे भाई वीरेंद्र सिंह ने कहा था, 'उनके चेहरे पर कई चोटें थीं। यदि पुलिस द्वारा किया गया दावा सही है तो उनके शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोटें या फ्रैक्च र होने चाहिए थे।'