UP : मेडिकल रिपोर्ट दिखाकर ड्यूटी से हटाने के लिए गिड़गिड़ाती रही गर्भवती शिक्षिका, चुनाव ने ली जच्चा-बच्चा की जान
अपने लिखित पत्र में सीता ने बताया था कि प्रार्थिनी के प्रसव की तिथि अप्रैल माह के अंत में संभावित है। जिसके साथ सीता ने मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की थी। बावजूद इसके सरकार बहादुर के जांबाज अफसरों ने सीता की बात नहीं सुनी...
जनज्वार, कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से झकझोर देने वाली घटना सामने आ रही है। जिससे पता चलता है कि सरकार और उसके मातहत किस फितरत का शिकार होकर काम कर रहे हैं। चुनाव ड्यूटी में लगी गर्भवती कुशीनगर की इस टीचर ने अपनी ड्यूटी में राहत दिए जाने को लेकर लिखित पत्र भी दिया था। किसी ने उसकी हालत पर ध्यान नहीं दिया, नतीजतन जच्चा व बच्चा दोनो की मौत हो गई।
जनपद कुशीनगर की निवासी सीता कुशवाहा की ड्यूटी दुदही के ठाकुर हरिकेश सिंह इण्टरमीडिएट कालेज में लगाई गई थी। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत सीता कुशवाहा का कार्मिक कोड 9930 आवंटित किया गया था। मतदान पार्टी 826 में ड्यूटी पर लगी सीता ने पंचायत चुनाव में जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखने के लिए ड्यूटी से मुक्त करने की गुहार भी लगाई थी।
सीता कुशवाहा ने ड्यूटी से मुक्ति पाने के लिए अपने मेडिकल सर्टिफिकेट भी संलग्न किए थे। अपने लिखित पत्र में सीता ने बताया था कि प्रार्थिनी के प्रसव की तिथि अप्रैल माह के अंत में संभावित है। जिसके साथ सीता ने मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की थी। बावजूद इसके सरकार बहादुर के जांबाज अफसरों ने सीता की बात नहीं सुनी। जिसके चलते जच्चा और बच्चा दोनो की दर्दनाक मौत हो गई।
शिक्षिका सीता कुशवाहा की मौत पर पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ ठाकुर कहते हैं कि 'जंगल सुखपुरा प्रा०वि० में कार्यरत गर्भवती शिक्षामित्र सीता कुशवाहा के लाख गुहार पर मतदान ड्यूटी नहीं कटी। 30 अप्रैल को ड्यूटी के बाद प्रसव व रात में ही मौत. यह रूटीन मौत नहीं है। उत्तरदायित्व नियत हो, यथेष्ट क्षतिपूर्ति मिले।'