UP : शादी का जोड़ा पहनकर तैयार बैठी रही दुल्हन, लालची दूल्हा बारात ही लेकर नहीं आया
एक बेटी का पिता पूरी जिंदगी अपनी बेटी के हाथ पीले करने के लिए पाई-पाई की रकम जोड़कर इकट्ठा करता है लेकिन पैसों के लालची लोग उसके पूरे सपने और मेहनत को एक ही झटके में बिखेर देते हैं...
जनज्वार, कानपुर। देश में कोरोना की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। ऑक्सीजन, दवाइयां, इंजेक्शन की तमाम किल्लतों के बीच आमजन दम तोड़ दे रहा है। इसके विपरीत समाज में कुछ कुत्सित किस्म के लोगों के दिमाग से घटिया और दकियानूसी सोंच बाहर निकलने का नाम नहीं ले रही है। एक बेटी का पिता पूरी जिंदगी अपनी बेटी के हाथ पीले करने के लिए पाई-पाई की रकम जोड़कर इकट्ठा करता है लेकिन पैसों के लालची लोग उसके पूरे सपने और मेहनत को एक ही झटके में बिखेर देते हैं।
मामला कानपुर नगर के गंगागंज पनकी में रहने वाले पिता की है। जिसने बेटी की शादी के लिए जैसे-तैसे पूरा इंतजाम किया था। किसी तरह पिता ने दहेज में कार भी दे दी। बेटी की शादी के कार्ड छप गए। दहेज की बात हो गई। दुल्हन तैयार होकर बैठी रही लेकिन बरात नहीं आई। जी यह सच्चाई है हमारे समाज की। वर पक्ष की तरफ से दहेज की और मांग की गई। जब मांग पूरी नहीं हुई तो बरात लड़की के दरवाजे पहुंची ही नहीं।
बेटी के बाप ने भरपूर कोशिश की, कि बेटी की शादी में कहीं कोई कमी ना रह जाए मगर दौलत के लालची वरपक्ष ने दहेज की अधिक मांग कर दी। दहेज में कार भी दे दी गई। लेकिन वरपक्ष तो जैसे ठान कर बैठा था कि किसी भी कीमत पर शादी नहीं करनी है, और शायद यही वजह रही जो अधिक दहेज न मिलने पर बरात ही लेकर नहीं आए।
ये हमारा समाज है। जहां ना सूरत की कोई कद्र और ना ही सीरत की। काबलियत की तो बात ही छोड़िए इन्हें सिर्फ और सिर्फ दहेज चाहिए। दुल्हन के परिजनों ने पूरी कोशिश की शादी ना टूटे जितना बन पड़ा खर्च करने के लिए तैयार हो गए, मगर वर पक्ष की तरफ से बार-बार दहेज की मांग की गई। मांग पूरी करने में असहाय पिता की बेटी शादी का जोड़ा पहनकर घर में बारात आने का इंतजार ही करती रही।