यूपी : पिछले वित्तीय वर्ष का नहीं मिला पूरा बजट, अब फिर से नए की तैयारी आज लग सकती है मुहर
यह बजट ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण, शिक्षा, आवास निर्माण, स्वच्छता के अलावा छात्रवृत्ति और पेंशन आदि पर खर्च किया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों ने प्रस्ताव भी पास कर लिया है।
जनज्वार, लखनऊ। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य मे खर्च होने वाला बजट अभी पूरा खर्च नहीं हो सका है, बावजूद इसके आज जिला योजना की बैठक में 732 करोड़ के बजट पर मुहर लगाई जाएगी। जबकि बीते साल का बजट 732.32 करोड़ पास हुआ था। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सांसद, विधायक भी शामिल रहेंगे।
आज गुरुवार 28 जनवरी को विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में 732.32 करोड़ रुपये के बजट पर मुहर लगाई जाएगी। पिछले साल भी इतने ही रुपये का बजट पास किया गया था, जिसमें महज 195 करोड़ रुपये दिया गया था। मजे की बात तो यह है कि अभी तक इतना ही रुपया एक साल में खर्च नहीं हो पाया है और अब नए बजट को पास किये जाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जिला योजना के सभी 40 विभाग केशव प्रसाद मौर्या के सामने ब्यौरा देंगे।
यह बजट ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण, शिक्षा, आवास निर्माण, स्वच्छता के अलावा छात्रवृत्ति और पेंशन आदि पर खर्च किया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों ने प्रस्ताव भी पास कर लिया है। 2021.22 के लिए अर्थ सांख्यिकी विभाग ने ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। कहा जा रहा है कि बैठक में बजट पर स्वीकृति मिलने के बाद अप्रैल महीने से निर्माण कार्य चालू करा दिया जाएगा। बैठक में सांसद, विधायक, जिला पंचायत सदस्य, संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
बजट में इनका होगा प्रस्ताव
शिक्षा के लिए 87.67 करोड़, सड़क निर्माण के लिए 160 करोड़, रोजगार के लिए 77.46 करोड़, आवास निर्माण के लिए 72 करोड़, स्वच्छता के लिए 66.14 करोड़, पेयजल के लिए 44.15 करोड़, स्वास्थ्य के लिए 24.14 करोड़, छात्रवृत्ति के लिए 23.45 करोड़, पेंशन के लिए 71.37 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है, जिस पर आज मुहर लगेगी।
पिछले बजट का खर्च हुआ 79 करोड़
वित्तीय वर्ष 2020.21 में जिला योजना का 195.73 करोड़ रुपया विभागों को शाशन की तरफ से निर्माण कार्य के लिए आवंटित किया गया था। जिसमे 20 जनवरी 2021 तक 179.8 करोड़ रुपया ही खर्च हो पाया है। पिछले बजट का पास हुआ 732.32 करोड़ रुपया अभी बकाया है, फिर अब इस वित्तीय वर्ष 732.32 करोड़ पास करने का प्रस्ताव बन चुका है।