योगीराज : उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा विकास दुबे का घर नहीं गिराया गया, बल्कि दीवारें छत का भार नहीं सह पाई, मकान ढह गया
कानपुर से मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, कानपुर। कानपुर के बिकरु हत्याकांड के बाद एनकाउंटर में मारे जा चुके डॉन विकास दुबे के किलेनुमा घर को पुलिस द्वारा गिराते हुए लगभग पूरे देश ने मीडिया कवरेज के जरिये देखा था। बावजूद इसके पुलिसिया कार्रवाई में गैंगस्टर का किलेनुमा घर ढहने की अलग ही कहानी दर्ज है। जो हैरान ही नहीं करती बल्कि पुलिस की कथनी और करनी पर भी सवाल उठाती है।
दरअसल मकान ढहाने के बाद तत्कालीन एसओ द्वारा दर्ज कराए गए आर्म्स एक्ट मामले में यह दफन हो चुका राज सामने आया है कि पुलिस ने विकास दुबे का घर नहीं गिराया, बल्कि दीवारें छत का भार नहीं सहन कर पाई जिस वजह से मकान ढह गया। साथ ही एनसीआरबी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पुलिस ने तो जेसीबी से केवल मलबा ही हटाया था, मकान अपने आप गिरा था।
गौरतलब है कि कानपुर एनकाउंटर की घटना के बाद पुलिस ने विकास दुबे के गांव बिकरु स्थित घर को बुलडोजर से ढहा दिया था। इसके बाद पुलिस उसकी अन्य संपत्तियों की भी जांच कर रही थी। पुलिस इन संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई में लगी थी तभी पुलिस को ये भी जानकारी मिली थी कि विकास दुबे के घर में भारी मात्रा में हथियारों और असलहों का जखीरा दबा हुआ है। जिसके बाद पुलिस ने अपराधी विकास दुबे के घर को गिराने की कार्रवाई की थी।
एफआईआर में दर्ज कहानी
विकास दुबे का मकान गिरने का यह राज पुलिस द्वारा 4 जुलाई 2020 को दर्ज एफआईआर संख्या-196 में रहस्य हो चुका था। तत्कालीन एसओ चौबेपुर विनय तिवारी की ओर से आर्म्स एक्ट की धाराओं में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 4 जुलाई को मुखबिर से पता चला कि विकास के घर में दीवारें खोखली कर उनमें हथियार छिपाए जाते हैं। इस सूचना पर जब पुलिस टीम विकास दुबे के घर पहुंची तो वहां दर्जनों स्थानों पर गड्ढे बने दिखे।
खोखलेपन के कारण जर्जर मकान में दीवारें खोदकर हथियार बरामद करना खतरे का काम था जिसके बाद जेसीबी मशीन की मदद ली गई। पुलिस ने एफआईआर में दावा किया है कि पहले से जर्जर दीवारों को जब पुलिस ने खंगाला तो जर्जर दीवारें छत का भार सहन ना कर सकीं और भरभरा कर ढह गईं। साथ ही यह भी कहा गया है कि पुलिस ने हथियारों की तलाशी के लिए जेसीबी से महज मलबा हटवाया था। हथियारों की बरामदगी के लिए।