वाराणसी में मास्क के लिए टोका तो दारोगा व सिपाहियों को भाजपा नेता व उनके बेटे ने पीटा

वाराणसी में भाजपा नेता व उनके समर्थकों ने मास्क के लिए टोकने पर पुलिस की कर दी पिटाई। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है...

Update: 2020-07-04 05:07 GMT

जनज्वार। आमतौर पर पुलिस की ज्यादती की खबरें ही मीडिया में आती रहती हैं, लेकिन शुक्रवार को 24 घंटे में यूपी में पुलिसवालों पर ज्यादती की दो खबर आईं। कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे गिरोह द्वारा आठ पुलिस कर्मियों की हत्या करने की खबर के बाद शाम में वाराणसी में दारोगा व पुलिसवालों की भाजपा नेता व उनके बेटे द्वारा पिटाई का मामला सामने आया।

पुलिसकर्मियों का कसूर मात्र इतना है कि उन्होंने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मास्क के लिए टोका था, जो उन्हें नागवार गुजरा। इस मामले में भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल एवं उनके भतीजे बिंदु पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में सात नामजद सहित कई अज्ञात के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। अन्य की तलाश हो रही है। इस मामले में वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य की शिनाख्त की उन्हें नामजद आरोपी बनाया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, शुकवार की देर रात एक युवक ने पुलिस को यह सूचना दी कि सुंदरपुर में काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास पटेल व अन्य युवक किसी मुकदमे को लेकर उन पर दबाव बना रहे हैं। इस पर सुंदरपुर के कार्यवाहक चौकी प्रभारी सुनील गौड़ ने सिपाही मनोज व अन्य को मौके पर भेजा। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही विकास पटेल व उनके साथी अनाप शनाप बोलने लगे।

उन लोगों ने मास्क नहीं पहना था इसलिए दूर से ही ठीक से बात करने के लिए टोका गया। यह बात विकास और उनके साथियों को नागवार गुजरी और पुलिस वालों के साथ मारपीट शुरू कर दी। विकास ने अपने पिता सुरेंद्र पटेल को फोन किया और थोड़ी देर में वे 10-12 लोगों को लेकर पहुंच गए और पुलिसकर्मियों से मारपीट शुरू कर दी।

जब घटनास्थल पर दारोगा सुनील गौड़ पहुंचे तो उनके साथ भी धक्कामुक्की व मारपीट शुरू कर दी गई। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस बल पहुंची और भाजपा नेता व उनके बेटे को पकड़ कर थाना ले आई। घटना के वक्त विकास नशे में था। दारोगा सुनील गौड़ के बयान पर इस मामले में भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल, उनके बेटे विकास पटेल, भतीजे बिंदु पटेल, गोलू यादव, अशोक पटेल, संतोष पटेल, छीतन राजभर सहित अन्य के खिलाफ मारपीट व सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किया गया। उधर, इस मामले में थाने में सत्तापक्ष के कई नेता जुट गए, हालांकि पुलिस अधिकारियों ने मामले में सख्ती बरतते हुए शिकायत दर्ज की।

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