Vikas Dubey Bikaru Kand : दो साल पहले आज ही के दिन जब थर्रा उठा था कानपुर और मारे गए थे 9 पुलिसकर्मी

Kanpur Crime News: 2 जुलाई को ठीक दो साल पहले आधी रात के पसरे सन्नाटे में अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर बिकरु गांव के लोग घरों में दुबक गये थे। विकास दुबे व उसके गुर्गों ने एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था।

Update: 2022-07-02 11:00 GMT

Vikas Dubey Bikaru Kand : दो साल पहले आज ही के दिन जब थर्रा उठा था कानपुर और मारे गए थे 9 पुलिसकर्मी

Kanpur Crime News: 2 जुलाई को ठीक दो साल पहले आधी रात के पसरे सन्नाटे में अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर बिकरु गांव के लोग घरों में दुबक गये थे। विकास दुबे व उसके गुर्गों ने एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। आठ की सामूहिक हत्या से पुलिस महकमा हिल गया । इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर 8 दिन के भीतर एक के बाद एक विकास समेत 6 शूटरों को खोजकर एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में 54 आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं। केस का ट्रायल अभी चल रहा है। तत्कालीन थानाध्यक्ष चौबेपुर विनय तिवारी, भीटी प्रधान जिलेदार यादव समेत कई लोग गैंगस्टर विकास दुबे का साथ देने के कारण जेल में बंद हैं।

बता द़े जादेपुर के राहुल तिवारी द्बारा दर्ज करायी गई एफआईआर का सहारा लेकर डान विकास दुबे के घर पुलिस दबिश देने पहुंची थी। सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में बिकरु गांव में दबिश दी गई। यहां पहले से ही विकास और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे। पुलिस के वाहनों को रोकने के लिए बाकायदा जेसीबी लगाई गई। जिस कारण सभी पैदल ही दरवाजे पर दबिश मारने पहुंच गए थे।

पुलिस को सबक सिखाने की तैयारी विकास ने पहले से कर ली थी। नतीजतन कमरों और छतों पर घात लगाकर बैठे बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। चन्द ही मिनटों में बदमाशों ने आठ पुलिसवालों को छलनी कर दिया। जिसमें छेत्रधिकारी देवेंद्र मिश्रा को बड़ी बेरहमी से मारा गया था। इस सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देकर सभी बदमाश फरार हो गए थे। इस हत्याकांड ने यूपी समेत देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं। और विकास दुबे रातोरात खूंनखार बन गया।

पुलिस की नींद हराम कर देने वाला हुए बिकरू कांड के बाद तीन जुलाई की सुबह विकास के रिश्तेदार प्रेम कुमार पांडेय और अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार दिया था। इसके बाद अमर दुबे को हमीरपुर में, इटावा में प्रवीण दुबे को मार गिराया गया। पुलिस कस्टडी से भागने पर पनकी में प्रभात उर्फ कार्तिकेय मिश्रा को ढेर कर दिया गया। 9 जुलाई की सुबह उज्जैन में बेहद नाटकीय ढंग से सरेंडर हुए गैंगस्टर विकास दुबे को थाना सचेंडी से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर मार गिराया गया था। विकास की मौत को लेकर एसटीएफ के दावा था कि विकास पिस्टल लेकर भाग रहा था, जिसके बाद उसे जवाबी कारवाई में मार देना पड़ा।

  1. -80 एफआईआर दर्ज हुई थीं
  2. -62 मामलों में लगाई गई चार्जशीट
  3. -66 लोग गिरफ्तार हुए
  4. -अभी 54 अपराधी जेल में
  5. -39 मामलों में आरोप तय
  6. -36 लोगों को गैंगस्टर एक्ट के 3 मामले में आरोपी बनाया गया है
  7. -30 का शस्त्र लाइसेंस निरस्त हुआ
  8. -8 पुलिसवालों की हुई थी मौत


  • -डीसीपी देवेंद्र कुमार मिश्रा
  • -एसओ महेश कुमार यादव
  • -दरोगा अनूप कुमार सिंह
  • -दरोगा नेबुलाल
  • -सिपाही जितेंद्र पाल
  • -सिपाही सुल्तान सिंह
  • -सिपाही बबलू कुमार
  • -सिपाही राहुल कुमार
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