UP में ये क्या हो रहा है? ज्ञानवापी के बाद मथुरा की ईदगाह मस्जिद को सील करने की मांग
UP में बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद के बाद मथुरा की ईदगाह मस्जिद सील करने की मांग भी तूल पकड़ने लगा है।
UP : उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक धार्मिक विवाद ( Religious Controversy ) सामने आने का सिलसिला जारी है। अब ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) के बाद मथुरा के विवादित ईदगाह मस्जिद विवाद ( Mathura Idgah Mosque Dispute ) ने नये सिरे से तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। मथुरा के ईदगाह मस्जिद ( Mathura Idgah Masjid ) को सील ( Seal ) करने को लेकर अदालत ( Mathura Court ) में याचिका ( Writ ) दायर की गई है। हिंदू याचिकाकर्ताओं का दावा है कि अगर परिसर को सील नहीं किया गया तो गर्भगृह और अन्य पुरातात्विक मंदिर के अवशेष क्षतिग्रस्त या हटाए जा सकते हैं। अब कोर्ट तय करेगा कि इस याचिका पर सुनवाई होनी है या नहीं?
हिंदू अवशेष को मिटाने की आशंका
मथुरा के हिंदू याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दायर याचिका के जरिये कहा है कि अगर हिंदू अवशेषों को मिटा गया दिया तो करेक्टर ऑफ प्रॉपर्टी चेंज हो जाएगा। वाद का उद्देश्य व साक्ष्य खत्म हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में वहां ईदगाह मस्जिद ( Idgah masjid ) में सभी का आना-जाना प्रतिबंधित कर उस परिसर की उचित सुरक्षा की व्यवस्था की जाए या परिसर को सील किया जाए।
सुरक्षा खतरे को देखते हुए हिंदू याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की है कि शाही ईदगाह स्थित मूल गर्भ गृह को सील करने का प्रशासन को आदेश दें। साथ ही परिसर के लिए सुरक्षाधिकारी नियुक्त करें। सुरक्षा अधिकारी को यह निर्देश दिया जाये कि वे उक्त सम्पत्ति से बने प्राचीन हिंदू धार्मिक चिन्हों, स्वास्तिक, कमल, ऊं और अन्य कलाकृतियों को नष्ट न करें। इसके अलावा 1 जुलाई के स्थान पर तुरंत सुनवाई करने की मांग की गई है।
हाईकोर्ट से सर्वे कराने की भी मांग
बता दें कि हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High court ) में वादी मनीष यादव ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे ईदगाह मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर के जरिए सर्वे कराने की मांग की थी। मथुरा कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। अब इस मामले की सुनवाई 1 जुलाई को होगी लेकिन हिंदू याचिकाकर्ताओं ने अब कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में मनीष यादव के वकील देवकीनंदन शर्मा का कहना था कि ईदगाह के अंदर जो शिलालेख हैं उन्हें दूसरे पक्ष द्वारा हटाया जा सकता है। वहां पर मौजूद सबूत को नष्ट किया जा सकता है। दोनों पक्षकारों की मौजूदगी में वहां की फोटोग्राफी कराई जाए। सभी तथ्यों को जुटाया जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी। मथुरा के ईदगाह मस्जिद को लेकर अब तक 10 वाद मथुरा कोर्ट में दायर है।
खास बात यह है कि मथुरा में जिस तरह से एक के बाद एक धार्मिक रूप से विवादित स्थलों का मुद्दा उठाया जा रहा है, वे कानुन और व्यवस्था के लिहाज से शुभ संकेत नहीं हैं। विवादित मुद्दों की वजह से दो समुदायों के बीच मतभेद भी बढ़ता जा रहा है। अगर इस सिलसिले को रोका नहीं गया तो योगी सरकार की छवि को नुकसान भी पहुंच सकता है।
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