चमोली हादसे के 9 दिन : अब तक मिलीं कुल 55 लाशें, 150 से ज्यादा का अभी तक नहीं कोई सुराग
कई दिनों से बचाव कार्य में जुटे सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान सुरंग का एक बड़ा हिस्सा खोलने में कामयाब रहे हैं, लेकिन सुरंग के अंदर बड़े पैमाने पर इकट्ठा भारी गाद और कीचड़ ने खुदाई के काम को धीमा कर दिया है...
देहरादून। उत्तराखंड में आई त्रासदी से सबसे अधिक प्रभावित हुए चमोली जिले में बचावकर्मियों को 3 और शव मिले हैं। इनमें से 2 शव तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग के अंदर से मिले हैं। इसके बाद अब तक बरामद हुए शवों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सुरंग के अंदर चल रहे बचाव कार्यो के दौरान अब तक 8 शव मिल चुके हैं। वहीं 7 शव रैणी इलाके से बरामद हुए हैं। ये वही इलाका है जहां बाढ़ ने ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को तहस-नहस कर दिया था।
गौरतलब है कि 7 फरवरी की सुबह ग्लेशियर टूटने से आई त्रासदी में करीब 200 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से 53 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। त्रासदी के दिन के बाद से यह पहला मौका है, जब बचाव दल ने सुरंग के अंदर शवों की तलाश की है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "हमें आशंका है कि अभी यहां और शव मिलेंगे। वहीं अंदर फंसे बाकी लोगों से अभी भी कोई संपर्क नहीं हो सका है।"
वहीं राज्य पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनंद भारने ने कहा कि सुरंग के अंदर खुदाई करने के लिए और मशीनें लगाई जाएंगी, ताकि बचाव कार्य में तेजी आए। फिलहाल बचावकर्मी सुरंग के अंदर और रैणी में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट के पास काम कर रहे हैं।
चमोली के एसपी ने कहा कि सुरंग के अंदर ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है। वहीं कई दिनों से बचाव कार्य में जुटे सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान सुरंग का एक बड़ा हिस्सा खोलने में कामयाब रहे हैं, लेकिन सुरंग के अंदर बड़े पैमाने पर इकट्ठा भारी गाद और कीचड़ ने खुदाई के काम को धीमा कर दिया है।
सुरंग के अंदर काम करने के लिए बचाव दल ने सुरंग की जटिल डिजाइन को समझने के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों से भी सलाह ली है। चूंकि सुरंग के अंदर मलबे से शव मिल रहे हैं, ऐसे में बचाव दल धीरे-धीरे खुदाई कर रहे हैं, ताकि शवों को कोई नुकसान न हो।