स्टोन क्रेशर के खिलाफ आंदोलन करने वालों से प्रशासन को शांति भंग का खतरा, नोटिस भेजकर किया तलब, इंद्रेश ने की सवालों की बौछार

Dehradun News: खनन माफियाओं के लिए उर्वरा बन चुकी उत्तराखंड की जमीन पर अब खनन माफियाओं के खिलाफ आंदोलन करना भी मुश्किल हो चला है.....

Update: 2022-11-11 13:42 GMT

Dehradun News: स्टोन क्रेशर के खिलाफ आंदोलन करने वालों से प्रशासन को है शांति भंग का खतरा, नोटिस भेजकर कर लिया तलब, इंद्रेश ने कर दी सवालों की बौछार

Dehradun News: खनन माफियाओं के लिए उर्वरा बन चुकी उत्तराखंड की जमीन पर अब खनन माफियाओं के खिलाफ आंदोलन करना भी मुश्किल हो चला है। हालांकि यह परेशानी तो प्रभावशाली लोगों के खिलाफ आंदोलन करने वालों के खिलाफ पहले भी रही है, लेकिन बदले निजाम में प्रशासन इसे अपने निजी नुकसान के तौर पर देखते हुए कानून की अंतिम सीमा तक पहुंचते हुए खुद अपने हाथों से आंदोलनकारियों का गला घोटने पर आमादा है। ऐसा ही एक मामला चमोली जिले के थराली कस्बे के पास का है, जहां गांव में लगने वाले स्टोन क्रेशर के खिलाफ आंदोलन करने वाले लोगों को अमन का दुश्मन घोषित करते हुए प्रशासन ने उनके खिलाफ शांति भंग की कार्यवाही कर दी।

संदर्भ के तौर पर यह बताना शायद पाठकों को उचित लगे कि चमोली जिले के थराली कस्बे के पास कुलसारी गांव के लोग वहां लगने वाले स्टोन क्रेशर के खिलाफ आंदोलन की राह थामे हैं। इस आंदोलन को इलाके के युवा नेता कपूर सिंह रावत लीड कर रहे हैं। जनांदोलनों से जुड़े कपूर ने खनन माफियाओं के खिलाफ ग्रामीणों के सहयोग से लंबा संघर्ष करते हुए इस आंदोलन को ऐसी नई धार दी है कि इस स्टोन क्रेशर का संचालन खटाई में पड़ने की संभावना बनने लगी है। ऐसे में स्टोन क्रेशर खटाई में पड़ता देख क्रेशर स्वामी ने हाई कोर्ट में प्रशासन को पार्टी बनाते हुए केस दायर कर दिया है। इस केस में ग्रामीणों पर स्टोन क्रेशर स्थापित करने में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाते हुए प्रशासन पर भी सहयोग न करने का इल्जाम लगाया गया है।

क्रेशर स्वामी द्वारा कोर्ट में जाने के बाद प्रशासन की ओर से दस आंदोलनकारियों दीपा देवी पत्नी जयवीर सिंह, शान्ति देवी पत्नी प्रताप सिंह, कली देवी पत्नी वीरेन्द्र सिंह, पुष्पा देवी पत्नी खुशाल सिंह, अंशी पुत्री बलवन्त सिंह, किरन देवी पत्नी हरेन्द्र सिंह, शान्ति देवी पत्नी रमेश राम, प्रद्युमन सिंह पुत्र आलग सिंह, नीरज कण्डारी पुत्र रतन सिंह, कपूर सिंह रावत स्व. बृजमोहन सिंह आदि को सीआरपीसी की धारा 111 के तहत नोटिस जारी कर दिए।


एसडीएम थराली द्वारा जारी इस नोटिस की भाषा पर गौर किया जाए तो वह यह है "नायब तहसीलदार थराली की चालानी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की गई जिसमे उनके द्वारा उल्लेख किया गया है कि ग्राम ककड़तोली रा०प०नि० क्षेत्र कुलसारी के अन्तर्गत सुभाष मिश्रा के नाम पिण्डर वैली स्टोन क्रेशर शासन द्वारा स्वीकृत किया गया है। स्टोन क्रेशर के लिए ग्राम ककड़तोली में लीज पर भूमि ली गयी है। लीज वाली भूमि पर स्टोन क्रेशर स्थापित किये जाने हेतु स्थल विकास का कार्य किया जा रहा है। उक्त स्थल पर प्रतिपक्षी पार्टी-2 द्वारा कार्य नहीं करने दिया जा रहा है तथा प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है कि स्टोन क्रेशर को अन्यत्र स्थापित किया जाये, जेसीबी एवं अन्य कार्य करने पर लगाये गये मजदूरों को गालियां दी जा रही है तथा मारपीट की धमकी दी जा रही है।

उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा प्रार्थी की लीज वाली भूमि पर शान्ति भंग होने की पूर्ण अंदेशा बना हुआ है भविष्य में उक्त स्थल पर जबरन विवाद को लेकर कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। उक्त विवाद के कारण दोनों पक्षों में भारी तनाव व्याप्त है तथा किसी भी समय आपस में लड़कर कोई संगीन वारदात करके क्षेत्र / गांव की शान्ति व्यवस्था को भंग होने की आशंका बनी हुयी है। शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु दोनों पक्षों का चालान धारा 107/116 के तहत मुचलकों पर पाबन्द किया जाना आवश्यक है। मैंने नायब तहसीलदार की चालानी रिपोर्ट का अवलोकन किया। चालानी रिपोर्ट से सन्तुष्ट होकर यह समझता हूँ कि आप उपरोक्त फरीकसानीगण के द्वारा कोई संज्ञेय दारदात की जा सकती है, जिससे शान्ति भंग होने की पूर्ण सम्भावना है।

इससे ऐसा स्पष्ट होता है कि आप फरीकसानीगण द्वारा किसी भी दिन ऐसा संगीन अपराध कर सकते हैं, जिससे शान्ति भंग हो सकती है। परिशान्ति कायम रखने के लिए आप फरीकसानी के विरुद्ध अन्तर्गत 107/116के तहत कार्यवाही करने का पर्याप्त आधार है, अतः आप उपरोक्त को आदेशित किया जाता है कि आप दिनांक 11/11/2022 को प्रातः 11:00 बजे मेरे न्यायालय स्थान थराली में स्वयं या अधिवक्ता के उपस्थित होकर कारण दर्शित करें कि क्यों आपको एक बर्ष की अवधि तक परिशान्ति बनाये रखने के लिये आप फरीकसानीगण को पच्चीस हजार रूपये के व्यक्तिगत बन्धपत्र एवं समान धनराशि के दो दो स्थानीय सम्रात प्रतिभू बन्धपत्र निष्पादित करने का आदेश दे दिया जाए।"

इस मामले में भाकपा माले के इंद्रेश मैखुरी ने प्रशासन की पूरी कार्यवाही को संदेहास्पद बताते हुए उसे कठघरे में रखते हुए कई सवालों की बौछार की है। मैखुरी ने चमोली के जिलाधिकारी को खुली चिट्ठी भेजते हुए आरोप लगाया है कि चमोली जिले की तहसील थराली में कुलसारी से ऊपर की तरफ जा कर ग्राम ककड़तोली में जो स्टोन क्रशर लगाया जा रहा है वह आने वाले समय में इस पूरे क्षेत्र के लिए नासूर बनेगा। इस संभावित खतरे को देखते हुए, स्थानीय महिलाओं और युवाओं द्वारा इस इलाके में स्टोन क्रशर लगाए जाने के खिलाफ शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन चलाया जा रहा है। स्टोन क्रशर लगाने वालों द्वारा कई तरह का दबाव, शांतिपूर्ण आंदोलन करने वाली महिलाओं और युवाओं पर बनाया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन और यहां तक कि पटवारी क्षेत्र में होने के बावजूद पुलिस का भी सहारा लिया गया।

इसी कड़ी में थराली एसडीएम द्वारा क्रशर के खिलाफ आंदोलन करने वालों को शांतिभंग का नोटिस दिया गया है। नोटिस जारीकर्ता अफसर की मंशा पर ही इसलिए संदेह पैदा करता 22 तारीख को जारी यह नोटिस चार दिन पहले ही आंदोलनकारियों तक पहुंचा है, जबकि नोटिस उन तक दो-एक दिन में तहसील थराली से पैदल चल कर भी पहुँच सकता था। शांति भंग का यह नोटिस ऐसे वक्त में दिया गया है, जबकि मामला माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल की दहलीज पर पहुँच चुका है। अब न्यायालय में ही तय होगा कि स्टोन क्रशर लगाने के लिए दी गयी अनुमतियाँ कितनी वैध हैं और कितनी अवैध। इसलिए न्यायालय में मामला पहुंचने के बाद आंदोलनकारियों को शांति भंग का नोटिस देना, पुनः प्रशासन की मंशा पर ही संदेह प्रकट करता है। स्टोन क्रशर स्वामी को चमोली डीएम द्वारा दिए गए अनुमति पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि "किसी भी प्रकार का स्थलीय /स्थानीय विवाद की दशा में स्टोन क्रशर स्वामी द्वारा स्वयं विवाद का निपटारा किया जाएगा।" चमोली डीएम स्पष्ट आदेश के बावजूद एसडीएम का शांतिपूर्ण आंदोलन करने वालों को नोटिस देना ही डीएम चमोली के आदेश का भी अतिक्रमण है।

इसके साथ ही जिला विकास अधिकारी, चमोली की हालिया जांच रिपोर्ट बताती है कि उक्त स्टोन क्रशर को लगाने में तमाम मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। एसडीएम थराली मानकों का उल्लंघन करके लगाए जा रहे स्टोन क्रशर के लिए ग्रामीणों को शांति भंग के मामले में पाबंद क्यूँ करना चाहते हैं, जबकि शांतिपूर्ण आंदोलन करने का अधिकार देश के सभी नागरिकों को भारत का संविधान देता है। इस अधिकार का प्रयोग करते हुए स्टोन क्रशर का विरोध करने वाले ग्रामीणों को शांतिभंग का नोटिस देना अन्यायपूर्ण है। अतः इस शांतिभंग के नोटिस को निरस्त करने के आदेश निर्गत करने की कृपा करें और थराली एसडीएम को ताकीद करें कि इस तरह शांतिपूर्ण आंदोलन के विरुद्ध नोटिस जारी करके अपनी प्रशासकीय विश्वसनीयता को संदिग्ध न बनाएं। इस मामले में मुख्य आंदोलनकारी कपूर सिंह रावत ने बताया कि वह कल सुबह एसडीएम थराली के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। आंदोलन को दबाने वाले ऐसे हथकंडों से डरकर आंदोलन खत्म नहीं होगा।

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