Varun Gandhi : 'आम आदमी को उसके हाल पर छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब', वरुण गांधी ने सरकार पर बोला हमला

Varun Gandhi : वरुण गांधी ने कहा तराई का अधिकांश भाग बुरी तरह से जलमग्न है। सूखा राशन हाथ से दान करना ताकि कोई भी परिवार इस आपदा के समाप्त होने तक भूखा न रहे।

Update: 2021-10-22 10:02 GMT

(भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटने के बाद भाजपा पर लगातार हमलावर वरुण गांधी)

Varun Gandhi। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हाल ही में बेदखल हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने एक बार फिर योगी सरकार (Yogi Govt) की नीतियों की आलोचना की है। वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बाढ़ के हालात को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सरकार से सवाल किया है। भाजपा सांसद ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत (Pilibhit) में भारी बारिश के कारण आई जबरदस्त बाढ़ को लेकर कहा कि अगर आम आदमी को उसके हाल पर छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब है।  

वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा- तराई का अधिकांश भाग बुरी तरह से जलमग्न है। सूखा राशन हाथ से दान करना ताकि कोई भी परिवार इस आपदा के समाप्त होने तक भूखा न रहे। यह दुख की बात है कि जब आम आदमी को सिस्टम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो वह खुद पर संभालने के लिए छोड़ देता है। जब सबकुछ खुद ही करना है तो 'शासन' का क्या मतलब है?

बता दें कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बरेली जिलों में पिछले दिनों भारी बारिश हुई है जिससे अनेक गांव जलमग्न हो गए हैं और लोग बाढ़ के बीच फंस गए हैं। पीलीभीत में शारदा और देवहा नदियां इन दिनों जबरदस्त उफान पर हैं और उनके किनारे बसे बड़ी संखाय में गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं।

वरुण बीते कई मौकों पर अपनी ही सरकार निशाना साधते रहे हैं। इससे पहले वरुण गांधी (Varun Gandhi) का दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता अटल विहार वाजपेयी से जुड़ा वीडियो ट्विटर पर साझा किया था। ट्वीट में अटल बिहारी वाजपेयी के 1980 के एक भाषण का उस हिस्से को ट्वीट किया था जिसमें वह किसान आंदोलन (Farmers Movement) का समर्थन कर रहे थे।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची से बेदखल होने के बाद कई राजनीतिक पंडित ये कयास लगा रहे हैं कि वरुण गांधी 17 साल बाद बीजेपी का दामन छोड़ सकते है। वरुण गांधी बीते कुछ दिनों से किसान आंदोलन को लेकर मुखरता से अपनी बात रख रहे हैं। बीजेपी के वह इकलौते ऐसे सांसद हैं जिन्होंने लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के दौरान किसानों का समर्थन किया और कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें और उनकी मां मेनका गांधी (Menaka Gandhi) दोनों को पार्टी की कार्यकारी संसदीय समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जहां से बीजेपी और वरुण गांधी के बीच खटास शुरू हुई। वरुण गांधी ने यहीं से अपने तेवर तीखे करने शुरू कर दिए।  

बड़ा सवाल ये है कि क्या वरुण पार्टी छोड़ेंगे या फिर पार्टी में रहकर ही खिलाफत करते रहेंगे। जिस पार्टी में नेता सांस नहीं ले पा रहे हैं वहां वरुण गांधी का बोलना मुश्किल ही है। वरुण गांधी पार्टी छोड़ने के बाद किसी तरफ रुख करते है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। साल 2019 में वरुण गांधी ने पत्रकारों से कहा था कि अगर मैं जिस दिन बीजेपी को छोड़ूंगा उसके बाद राजनीति से संन्यास ले लूंगा।  

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