नोटबंदी से कोरोना महामारी तक मोदी सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों से अडानी-अंबानी की संपत्ति बढ़ी बेहिसाब और आम जनता कंगाल

Rudrapur news : जब आज़ादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं और मोदी सरकार देश में अमृत महोत्सव मना रही है, तब देश की मेहनतकश जनता देसी-विदेशी पूंजी की गुलामी में बुरी तरह पिस रही है और तबाही की मार झेल रही है...

Update: 2022-09-28 16:35 GMT

शहीदे आज़म भगत सिंह के जन्म की 115वीं सालगिरह पर मज़दूर सहयोग केंद्र के बैनर तले आज अंबेडकर पार्क रुद्रपुर में सभा हुई और भगत सिंह चौक तक रैली निकालकर माल्यार्पण किया गया

Rudrapur News : शहीदे आज़म भगत सिंह के जन्म की 115वीं सालगिरह पर मज़दूर सहयोग केंद्र के बैनर तले आज अंबेडकर पार्क रुद्रपुर में सभा हुई और भगत सिंह चौक तक रैली निकालकर माल्यार्पण किया गया।

इस दौरान मज़दूर विरोधी चार लेबर कोड, निजीकरण और मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 13 नवंबर को मासा के आह्वान पर दिल्ली चलने का आह्वान हुआ। युवा दलित नेता जगदीश चंद्र और अंकिता की निर्मम हत्या पर रोष प्रकट किया गया तथा पीड़ित परिवारों को न्याय देने की मांग बुलंद हुई। साथ ही मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी, को याद कर श्रद्धांजलि दी गई, जिनकी 1991 में आज के ही दिन पूँजीपतियों ने हत्या कर दी थी।

वक्ताओं ने कहा कि याद करें शहीदे आज़म भगत सिंह का दौर जब अंग्रेजों ने मज़दूर आबादी के लिए खतरनाक ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट और घातक पब्लिक सेफ्टी बिल जैसे क़ानून बनाए थे, जिसके खिलाफ भगत सिंह और साथियों ने एसेंबली में बम फेंककर बहरे कानों तक अपनी आवाज बुलंद की थी।

वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह ने ग़ुलाम भारत की जिस संसद में बम फेंका था, उसी संसद में आज मज़दूरों को बंधुआ बनाने वाले और उससे भी खतरनाक चार श्रम संहिताएं (लेबर कोड्स) पास किए जा चुके हैं और मोदी सरकार उसे पूरे देश में एक साथ लागू करने में जुटी है।

वक्ताओं ने कहा कि जब देश में आज़ादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं और मोदी सरकार देश में "अमृत महोत्सव" मना रही, तब देश की मेहनतकश जनता देसी-विदेशी पूंजी की गुलामी में बुरी तरह पिस रही है और तबाही की मार झेल रही है। नोटबंदी से कोरोना महामारी तक मोदी सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों से जहां अडानी-अंबानी की मुनाफाखोर जमात पूंजी की बादशाह बन गई है, वहीं आम जनता रसातल में चली गई है।

आज जब, मज़दूरों को अधिकारविहीन बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें जुटी हैं पूँजीपतियों की चाकरी खुलकर सामने है। तब हमें एक बार फिर बुनियादी हक़ के लिए अपनी संग्रामी एकता को मजबूत करना होगा, अपनी मुक्तिकमी आवाज़ को बुलंद करना होगा! तभी सत्ता के बहरे कानों तक आवाज़ पहुंचेगी।

कार्यक्रम में सुरेन्द्र सिंह रावत इंकलाबी मजदूर केंद्र, विक्रम सिंह पारले मजदूर संघ अध्यक्ष, दीपक सनवाल मजदूर सहयोग केंद्र कार्यकारणी अध्यक्ष, दुर्विजय सिंह इन्टरार्क मजदूर संगठन पंतनगर, भास्कर राकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ उपाध्यक्ष, हरेन्द्र सिंह करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन अध्यक्ष, सुब्रत विश्वास समाजसेवी, अमर सिंह होंडा श्रमिक संगठन के पूर्व महामंत्री, चंद्रमोहन लखेड़ा नेस्ले कर्मचारी संगठन, मुकुल मजदूर सहयोग केंद्र अध्यक्ष, बालकरन सिंह महिंद्रा सीआईए श्रमिक संगठन उपाध्यक्ष, राजू सिंह एडविक कर्मचारी संघ, रविन्द्र सिंह यजाकी वर्कर यूनियन, कुलविंदर सिंह महिंद्रा कर्मकार यूनियन आदि सहित तमाम फैक्ट्रियों के मज़दूर शामिल थे।

Tags:    

Similar News