KYC के नाम पर हजारों गरीबों के खाते बंद, जो भी दो-चार हजार बैंक में हैं उसे भी निकालना हुआ मुश्किल
23 अप्रैल को अचानक हजारों खातों को बंद कर दिया गया. बैंक का कहना है कि केवाईसी न होने की वजह से इन खातों को बंद कर दिया गया...
मिर्जापुर, जनज्वारः लॉकडाउन के दौरान इलाहाबाद बैंक की अहरौरा ब्रांच के सामने लंबी-लंबी कतार देखने को मिल रही है. जहां सोशल डिस्टेंसिग का नियम लागू कराने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. ये लोग बैंक के टॉप मैनेजमेंट द्वारा लिए एक ऐसे फैसले से परेशान है.
23 अप्रैल को अचानक हजारों खातों को सीज कर दिया गया. बैंक का कहना था कि ट्रांजेक्शन न होने और केवाईसी न होने के चलते खाते बंद किये गये हैं।बैंक के इस फैसले के बाद खाताधारकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बताया जा रहा है कि प्रदेश की कई ब्रांचों में भी खातों को सील किया गया है. अब अपने केवाईसी करवाने के लिए बैंकों के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं.
यह भी पढ़ें - बिहार के 38 में से 29 जिलों में पहुंचा कोरोना, राज्य में तेजी से पांव पसार रही महामारी
बैंक के बाहर खड़ी एक बुजुर्ग और लाचार खाताधारक महिला रन्नो देवी कहती हैं, वह यहां पैसा निकालने आई थी, लेकिन उनका खाता बंद है। अब हम क्या करें। हम तो कुछ जानते ही नहीं।
वहीं कतार में लगी एक और बुजुर्ग महिला फफक पड़ती है कि, घर में खाने को कुछ नहीं है, बैंक में कुछ पैसा था। सोचे थे कि इसे निकालकर खाने का जुगाड़ हो जायेगा, मगर बैंक वाले कह रहे हैं कि पैसा ही नहीं निकाल सकते। क्या करें हम जैसे मजबूर लोग, अब क्या खायेंगे हम। भूखों मरने की नौबत आ जायेगी हमारी तो। पहले ही लॉकडाउन ने हमारी कमर तोड़ रखी है।'
इस मामले में अहरौरा ब्रांच के सीनियर मैनेजर अरुण कुमार ने कहा, 'ग्राहकों को यह जानकारी कई दिनों से दी जा रही थी कि वे अपना केवाईसी करा लें, यह आरबीआई की गाइडलाइन है.'
अरुण कुमार ने दावा किया कि लोगों के जनधन खाते सीज नहीं किए गए हैं, सिर्फ उन लोगों के सेविंग खाते सीज किए गए हैं, जिनके आधार फेल्ड स्टेट्स में हैं उनके खातों को 23 अप्रैल को सीज कर दिया गया है.
बता दें नए वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरूआत के साथ करीब 155 वर्ष पुराने इलाहाबाद बैंक का वजूद खत्म हो गया है। 1 अप्रैल से इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो गया है।
यह भी पढ़ें - 4 तारीख से अपने घरों को लौट सकेंगे लॉकडाउन में फंसे मजदूर, लेकिन इन शर्तों के साथ
इलाहाबाद बैंक की स्थापना सन् 1865 में प्रयागराज (इलाहाबाद) में ही हुई थी। शुरुआत में इसका मुख्यालय भी यहीं था। हालांकि बाद में मुख्यालय कोलकाता में बना दिया गया। अब विलय के बाद आज से इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखा के रूप में जानी जाएंगी।