शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश, वार्ताकार ने कहा- पुलिस ने बेवजह बंद किए रास्ते, धरना शांतिपूर्ण
सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए वार्ताकार नियुक्त किया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा वार्ताकार नियुक्त किए जाने के बाद वार्ताकार शाहीन बाग पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बात की थी...
जनज्वार। दिल्ली के शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों में से एक वजाहत हबीबुल्ला ने रोड बंद होने के संबंध में हलफनामा दायर किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक वजाहत हबीबुल्ला ने अपने हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन वार्ताकारों में से एक हबीबुल्ला ने ये भी कहा है कि शाहीन बाग में पुलिस ने पांच तरफ से रास्ते को बंद कर रखा है।
Wajahat Habibullah, in his affidavit, has stated that the protest in Shaheen Bagh against Citizenship Amendment Act is peaceful; also stated that the police have blocked five points around Shaheen Bagh. https://t.co/QNShH6AoRJ
— ANI (@ANI)
?ref_src=twsrc^tfw">February 23, 2020
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली रोड 13ए पिछले 68 दिनों से बंद है। इसकी वजह से आश्रम और दक्षिण दिल्ली के इलाकों में भारी जाम लगा रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला को वार्ताकार नियुक्त किया था और प्रदर्शनकारियों से बात कर विरोध प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाशने को कहा था।
वार्ताकारों ने 19 फरवरी से अब तक में शाहीन बाग में पदर्शनकारियों से चार बार बातचीत की है। बीते शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों ने सामने अपनी नई मांग रखी और कहा कि अगर रोड 13ए के एक तरफ की सड़क खोली जाती है तो सर्वोच्च न्यायालय उनके सुरक्षा की गारंटी दे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल 15 दिसंबर को विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के चलते जामिया नगर के निवासियों पर पुलिस द्वारा दायर किया गया केस वापस लिया जाए। साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े इस संबंध में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दायर कर सकते हैं।