देखती रह गयी मोदी सरकार, विजय माल्या के बाद अब नीरव मोदी भी भाग गया देश छोड़कर
नीरव मोदी देश छोड़कर भागा 1 जनवरी को, बैंक ने घोटाला पकड़ा जनवरी के तीसरे सप्ताह में, सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया 30 जनवरी को
सवाल है कि भगोड़ा नीरव मोदी दावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ क्या कर रहा था, आखिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के धोखेबाज नीरव मोदी का क्या है संबंध
भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्वाधिक बात करने वाले मोदी सरकार के चार सालों के शासन में यह दूसरी बार है कि देश को चूना लगाने वाला फ्रॉड और चोर पूंजीपति देश से सुरक्षित भाग गया है और देश को भाजपा वालों ने दंगा—फसाद में उलझा रखा है...
मुंबई, जनज्वार। पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई शाखा में हुए 11 हजार 360 करोड़ के घोटाले का मुख्य आरोपी 1 जनवरी को ही देश छोड़कर भाग गया है, जबकि बैंक ने सीबीआई में यह मुकदमा 30 जनवरी को दर्ज किया है। साफ है कि नीरव मोदी को पहले देश का पैसा हजम करने दिया गया और उसे सुरक्षित देश निकाला किया गया। ठीक वैसे ही जैसे हजारों करोड़ डकारने के बाद विजय माल्या को भाजपा सरकार ने सुरक्षित देश से जाने दिया था।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार नीरव मोदी इस समय स्वीटजरलैंड में है। लेकिन भारत के गृह मंत्रालय ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की है। इस मामले में नीरव के अलावा एफआईआर में पंजाब नेशनल बैंक के दो पूर्व बड़े अधिकारियों डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी और मनोज हनुमंत खराट समेत 10 कर्मचारियों को नामजद किया गया है।देश के 11 हजार 360 करोड़ घोटाले हजम करने वाले नीरव मोदी का दुस्साहस देखिए कि 1 जनवरी कोे भारत से भाग जाता है और वह दावोस में फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में शामिल होता है। इससे पता चलता है कि इस घोटालेबाज पूंजीपति से प्रधानमंत्री से कितने गहरे रिश्ते हैं और वह खुद को इतनी बड़ी धोखाधड़ी बावजूद बेहद कंफर्ट जोन में पा रहा है।
वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की फरवरी 2018 में दाओस में हुई बैठक में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के साथ प्रधानमंत्री मोदी और नीरव मोदी को इस तस्वीर में देखा जा सकता है |
हालांकि भारत की ओर से दावोस पहुंचे नीरव मोदी के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि नीरव ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ गए प्रतिनिधि मंडल में नहीं बल्कि भारत के पूंजीपतियों की प्रमुख औद्योगिक संस्था सीआईआई के प्रतिनिधि के तौर पर भागीदारी की थी।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि यह घोटाला बिना केंद्र सरकार की रजामंदी के नहीं हो सकता है, इसमें बीजेपी और मोदी सरकार शामिल है।
कौन है नीरव मोदी
धीरूभाई अंबानी की बेटी और मुकेश अंबानी—अनिल अंबानी की बहन दीप्ति सलगांवकर की बेटी इशिता के पति निशाल मोदी का भाई है नीरव मोदी। सूरत मूल के ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी 2.3 अरब डॉलर के फ़ायरस्टार डायमंड के संस्थापक हैं। यह साल 2013 में फ़ोर्ब्स लिस्ट ऑफ़ इंडियन बिलिनेयर में आए थे और तब से अपनी जगह कायम की हुई है। नीरव देश के सबसे रईस लोगों की गिनती में 46वें पायदान पर खड़े हैं। इनके खिलाफ पीएनबी फ्राड से पहले भी 280 करोड़ की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ। नीरव की पत्नी एमी ओर भाई निशाल मोदी भी इस घोटाले में नामजद हैं।
क्या है घोटाला
46 वर्षीय अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी ने कथित रूप से पीएनबी की मुंबई शाखा से धोखाधड़ी वाला गारंटी पत्र (एलओयू) हासिल कर अन्य भारतीय ऋणदाताओं से विदेशी ऋण हासिल किया। पीएनबी के एलओयू पर 30 बैंकों ने नीरव मोदी की कंपनियों को कर्ज दिया था।
कांग्रेस ने पूछे पांच सवाल, जिसका नहीं है मोदी सरकार के पास कोई जवाब
—नीरव मोदी दावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ क्या कर रहे थे?
—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाक के नीचे देश के सबसे बड़े बैंक को लूटा गया है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है?
—प्रधानमंत्री को जुलाई में ही इसकी जानकारी दे दी गई थी। मोदी सरकार ने क्यों नहीं कोई कार्रवाई की?
—पूरा सिस्टम बायपास कैसे हो गया। हर ऑडिटर और हर जांचकर्ता की आंख की नीचे से हज़ारों करोड़ रुपये का बैंकिंग घोटाला कैसे छूट गया।
—क्या ये नहीं दिखाता कि कोई बड़ा आदमी इस घोटाले को संरक्षण दे रहा था। प्रधानमंत्री जी वो व्यक्ति कौन है?
देश के पूरे बैंकिंग सिस्टम का रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम और फ्रॉड डिटेक्शन एबिलिटी कैसे खत्म हो गई। मोदी जी जवाब दीजिए।