बालाकोट एयर स्ट्राइक के सामरिक महत्त्व का तो पता नहीं, मगर राजनीतिक महत्त्व जरूर है

Update: 2019-10-10 04:56 GMT

आदर्श चुनाव संहिता को दरकिनार कर प्रधानमंत्री मोदी समेत पूरी बीजेपी ने चुनावों के समय बालाकोट मुद्दे को खूब भुनाया, मगर चुनाव आयोग बैठा रहा आँखें मूंदे, बालाकोट एयर स्ट्राइक से जुड़ी हैं इतनी कहानियां कि भविष्य में किया जाएगा लंबे समय तक याद...

महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

भारतीय वायुसेना में अब राफेल भी शामिल हो गया है और वायु सेनाध्यक्ष कह रहे हैं कि बालाकोट एयर स्ट्राइक देश की आतंकवाद पर बदलती नीतियों का परिचायक है। अब किसी और देश की सीमा में जाकर आतंकी शिविरों को नष्ट करने में भी परहेज नहीं है। इन सबके बीच बालाकोट की घटना को याद कीजिये – कितने आतंकी मरे किसी को नहीं पता है, पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान गिरा और दूसरी तरफ भारत का एक मी-21 बाइसन विमान, एक एमआई-17 हेलीकाप्टर और वायु सेना के 6 अधिकारी मरे। वायु सेना के अधिकारी किसी पाकिस्तानी मिसाइल से नहीं, बल्कि भारतीय वायु सेना की मिसाइल से मरे।

रवरी 2019 में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट पर एयर स्ट्राइक किया था, इसके बाद विंग कमांडर अभिनन्दन को तो स्वतंत्रता दिवस के दिन वीर चक्र से सम्मानित कर दिया गया, और उस समय इनको वापस लौटने का निर्देश देने का प्रयास करने वाली स्क्वाड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल को युद्ध सेवा मेडल दिया गया। अब 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस पर विंग कमांडर अभिनन्दन के 51वें स्क्वाड्रन और साथ ही 9वें स्क्वाड्रन को बालाकोट एयर स्ट्राइक के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया है।

न सबके बीच आदर्श चुनाव संहिता को दरकिनार कर प्रधानमंत्री समेत पूरी बीजेपी ने चुनावों के समय इस मुद्दे को खूब भुनाया था। जाहिर है, चुनाव आयोग आँखें मूंदे बैठा रहा। पर, बालाकोट एयर स्ट्राइक के साथ इतनी कहानियां जुड़ी हैं कि इसे भविष्य में इन कहानियों के कारण लम्बे समय तक याद किया जाएगा।

भारतीय वायुसेना ने अपने ही अधिकारियों को मार गिराया

हाल में ही भारतीय वायुसेना ने माना है कि इस साल 27 फ़रवरी को कश्मीर में वायुसेना ने अपने ही एक हेलिकॉप्टर को मार गिराया था। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसे एक 'भारी चूक' बताते हुए कहा कि दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। 27 फ़रवरी को जम्मू-कश्मीर के बडगाम में पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के दौरान वायुसेना ने अपने ही Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर को स्पाइडर मिसाइल से मार गिराया था, जिसमें वायु सेना के छह जवानों और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी. कितने आश्चर्य की बात है कि जिस हमले में पाकिस्तानी वायुसेना एक भी भारतीय वायु सेना को नहीं मार पाई, वहीं भारतीय वायु सेना ने अपने ही अधिकारियों को मार गिराया।

बादल और रडार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2019 में एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा कि जब बालाकोट एयरस्ट्राइक की योजना बन रही थी, तो मैंने विशेषज्ञों को सुझाव दिया था। मैंने कहा था कि आसमान में छाए बादल और भारी बारिश हमें पाकिस्तानी रडार से बचने में मदद कर सकते हैं।

मोदी ने इंटरव्यू में बताया, ‘मौसम एकाएक खराब हो गया था। आसमान में बादल छाए थे. भारी बारिश हो रही थी. विशेषज्ञों के मन में उस समय मौसम को लेकर शंका थी। वे सोच रहे थे कि क्या बादलों के रहते हम ऐसा कर सकते हैं? कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यदि हम तारीख बदल दें तो? मगर मेरे दिमाग में दो बातें थीं। एक इस बात का गुप्त रहना। दूसरा मैंने विशेषज्ञों से कहा कि मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो विज्ञान का जानकार है। मैंने कहा कि वहां बादल छाए हैं। भारी बारिश भी हो रही है, मगर यह फायदेमंद भी है। मेरी एक कच्ची सोच है कि बादल हमें फायदा भी दे सकते हैं। हम रडार से बच सकते हैं। हर कोई गफलत में पड़ गया। आखिरकार मैंने कहा कि चलिए करते हैं।’

श्चर्य यह नहीं था कि मोदी जी ने यह कहा था बल्कि आश्चर्य यह था कि तत्कालीन वायुसेना चीफ और कुछ वरिष्ठ कार्यरत और सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारियों ने इस कथन का समर्थन भी कर दिया था।

पता नहीं कितने मरे

कोयंबटूर में एक प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय वायुसेना के तत्कालीन अध्यक्ष बीएस धनोआ ने कहा था, "ऐसे हमलों में हम कितने लोग मरे, ये नहीं गिन सकते थे। ये हमारा काम नहीं है। हम केवल यह गिन पाते हैं कि कितने टारगेट को निशाना बनाया। हमें जो टारगेट मिला, उसे हमने हिट किया।" मीडिया रिपोर्ट्स में करीब 300 से 650 चरमपंथियों के मारे जाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन अमित शाह चुनावी सभा में कह रहे थे कि एयर स्ट्राइक में 250 चरमपंथी मारे गए। योगी आदित्यनाथ के अनुसार 400 मारे गये और तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा एक भी नहीं मरा।

प्रधानमंत्री मोदी ने एबीपी न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की हवाई कार्रवाई का सबूत मांगे जाने से संबंधित पूछे गए सवाल पर कहा था कि सबसे बड़ा सबूत पाकिस्तान ने स्वयं ट्वीट करके दिया है दुनिया को। हमने तो कोई दावा नहीं किया था। हम तो अपना काम करके चुप बैठे थे। पाकिस्तान ने कहा कि आए हमको मारा फिर उन्हीं के लोगों ने वहां से बयान दिया। इस सारे में कितने मरे, कितने नहीं मरे, मरे कि नहीं मरे, ये जिसको विवाद करना है करते रहें।

पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को आतंकवादी शिविरों पर भारतीय वायुसेना के हमले में 130 से 170 आतंकवादी मारे गए थे। इटली की एक स्वतंत्र पत्रकार ने यह बात कही है। असम के धुबरी में एक रैली में राजनाथ सिंह ने कहा, 'एक दिन सबको पता चल जाएगा कि बालाकोट में कितने आतंकवादी मारे गए। अगर कांग्रेस यह जानना चाहती है कि कितने आतंकवादी मारे गए तो उसे पाकिस्तान जाकर वहां पूछना चाहिए। पाकिस्तान जाकर शवों को गिनना चाहिए।'

बीबीसी, न्यूयॉर्क टाइम्स और अल-जजीरा जैसे कई समाचार चैनलों ने मौके पर जाने का दावा करते हुए कहा था कि इस हमले में सिर्फ एक व्यक्ति घायल हुआ है। तत्कालीन विदेश सचिव ने 26 फरवरी को मीडिया के सामने बताया कि, “एयर स्ट्राइक में जैश के आतंकी, उनके ट्रेनर, सीनियर कमांडर और आत्मघाती हमलों के लिए तैयार किए जा रहे जिहादी समूह के काफी संख्या में लोग मारे गए हैं।”

स बीच यह भी खबर आयी है कि बालाकोट में आतंकियों के ठिकाने फिर से खड़े हो गए हैं। इसके साथ यह भी याद रखना होगा कि अभी कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव भी होने वाले हैं। बालाकोट एयर स्ट्राइक का सामरिक महत्त्व तो पता नहीं, पर राजनीतिक महत्त्व तो सभी जानते हैं।

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