बीएचयू में पहले दलित छात्रा से की छेड़खानी, विरोध करने पर की मारपीट

Update: 2018-01-29 21:02 GMT

दलित छात्रा ने सहपाठी छात्र शिवानंद सिंह परमार की छेड़खानी का किया विरोध तो हुई मारपीट...

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आज एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा का कारण एक दलित छात्रा के साथ पहले बदसलूकी और छेड़खानी और उसके बाद पिटाई किया जाना है।

घटनाक्रम के मुताबिक राजनीति विज्ञान के एमए प्रथम वर्ष की एक दलित छात्रा के साथ पहले सहपाठी शिवानन्द सिंह परमार ने छेड़खानी की और जब छात्रा ने छेड़खानी और बदसलूकी के खिलाफ आवाज उठाई तो शिवानंद ने उसके साथ मारपीट की।

जब दलित छात्रा के साथ हुई घटना की जानकारी अन्य छात्रों को हुई तो इसका विरोध किया गया। शिवानन्द सिंह परमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाने के लिए राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष के कक्ष के सामने छात्रों ने हंगामा किया।

छात्रों का हो—हल्ला सुन प्रॉक्टोरियल दस्ता राजनीति विज्ञान विभाग में पहुंचा और पीड़ित दलित छात्रा समेत विरोध दर्ज कर रहे अन्य छात्रों से इस मसले पर बातचीत की।

पीड़ित छात्रा समेत कुछ अन्य ने कहा कि शिवानंद सिंह परमार पिछले सालभर से कई छात्राओं को परेशान कर रहा था। फब्तियां कसने के अलावा अभद्र भाषा का प्रयोग वह आमतौर पर किया करता था। उसका खौफ हमेशा उन पर हावी रहता था। 

गौरतलब है कि तीन महीने पहले भी छात्राओं ने शिकायत की थी कि शिवानंद सिंह परमार उनके साथ छेड़खानी करता था। इतना ही नहीं उसके खिलाफ छेड़खानी के मामले को लेकर पहले भी लिखित शिकायत विभागाध्यक्ष और प्रोक्टोरियल बोर्ड में की गई थी, मगर कभी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया।

बीएचयू प्रशासन सिर्फ चेतावनी देकर शिवानंद सिंह परमार को छोड़ देता था। इसी का परिणाम है कि आज उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उसने छेड़खानी के बाद दलित छात्रा की पिटाई भी की।

इस मसले पर नाम न बताने की शर्त पर एक प्रोफेसर कहते हैं कि योगी सरकार आने के बाद राजपूत जातीय दंभ से भरे हुए हैं। ऐसे ही लोगों में शिवानंद सिंह परमार भी शामिल है। हालांकि कुछ का कहना है कि उसे कई बार समझाया गया, मगर वह हमेशा मनबढ़ई करता था।

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