बीएचयू में अब छात्रा को क्लास में घुसकर मारा, बाल पकड़कर घसीटा और छीना मोबाइल

Update: 2017-10-06 10:26 GMT

मारपीट की शिकार छात्रा है शादीशुदा, पीड़िता ने बताया पहले क्लास से बाहर लड़के ने उसका मोबाइल छीना, बाल खींचे पर जब वह बचने के लिए क्लासरूम गयी तब भी नहीं बंद हुई उसकी बदतमीजी

जनज्वार, वाराणसी। 5 अक्टूबर को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में फिर एक बार एमए सोशल वर्क में पढ़ने वाली छात्रा के साथ बदतमीजी हुई है, उसके साथ बीएचयू के ही छात्र द्वारा सरेआम मारपीट की गयी है। छात्रा के साथ क्लासरूम में गुंडई करने वाला शीतल कुमार गौड़ बीएचयू का ही छात्र है और वह लड़की को पहले से जानता है।

शादीशुदा छात्रा ने पुलिस को बताया कि छात्र शीतल कुमार गौड़ उससे बातचीत करना चाहता था, पर वह बातचीत नहीं करना चाहती थी। वह लंबे समय से उसे तंक करता था पर वह इग्नोर करती रही। छात्रा ने स्वीकार किया कि वह पहले से एक—दूसरे को जानते हैं।

पुलिस ने मारपीट के आरोपी छात्र शीतल कुमार गौड़ पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी छात्र का कहना है कि तीन साल पहले शादीशुदा छात्रा और वह एक दूसरे को प्यार करते थे, पर अब वह मुझसे किसी तरह का संपर्क नहीं रखना चाहती थी।

वहीं कैंपस में छात्र और छात्रा के जानकार मित्रों से जनज्वार की हुई बातचीत में पता चला कि लड़का लड़की का ब्वायफ्रेंड रहा है, पर अब लड़की की शादी हो जाने के कारण वह लड़के साथ संपर्क नहीं रखना चाहती, जबकि वह उससे अभी भी चिपके रहना चाहता है। वह 'नो' का मतलब 'नो' समझने का तैयार नहीं है।

समाजशास्त्र विभाग में छात्रा के साथ पढ़ाई करने वाली उसकी एक मित्र लड़की ने बताया कि यह बीएचयू कैंपस की आम समस्या है, या ये कहिए कि यह समाज की ही दिक्कत है। लड़कियां अगर एक बार लड़के से प्रेम कर लें तो वह या फिर लड़कों की शर्त पर उनसे अलग हों या फिर ये प्रेमी जोर—जबरदस्ती, लांछन, दुष्प्रचार और मारपीट पर उतर आते हैं।

एक दूसरी छात्रा इस पूरे प्रकरण पर सवाल करते हुए कहती है, समाज का नजरिया ही ऐसा है कि एफआईआर दर्ज करने के बावजूद दोषी छात्र ही फायदे में रहेगा। लड़कों की सहानुभूति दोषी छात्र के साथ होनी शुरू हो गयी है। सब कहने लगे हैं इतने साल प्यार का धोखा क्यों देती रही, उसको अगर शादी ही करनी थी तो। अरे धोखा क्या दिया? प्रेम करने के दौरान अगर लग गया कि लड़के साथ हमारी नहीं बन सकती तो हम उसे छोड़ नहीं सकते क्या? सच्चे प्यार के लिए उसकी बदतमीजी, हिंसा, नकारापन और आवारागर्दी सहें।

वाराणसी अग्रसेन पीजी कॉलेज से हिंदी में एमए कर रही दिप्ती मिश्रा कहती हैं, 'मैंने भी सोशल मीडिया पर यह खबर पढ़ी और पढ़कर लगा कि लड़कों को प्रेम में भी दासी चाहिए होती। जब लड़की की शादी हो गयी फिर उससे किनारा करने में क्या दिक्कत है। लड़के कब लड़की के 'नो' का मतलब 'नो' समझेंगे।'

इस पूरे प्रकरण पर पुलिस का भी मानना है कि मामला प्रेम का ही है पर लड़की अब लड़के से मिलना, बात करना या कोई संपर्क नहीं रखना चाहती थी। पर उसका साथी छात्र शीतल कुमार गौड़ छात्रा के इनकार से बौखला गया और मारपीट पर उतारू हो गया। पुलिस शिकायत में छात्रा ने कहा है कि छात्र शीतल ने उसके साथ न सिर्फ मारपीट की बल्कि बाल पकड़कर घसीटा और मोबाइल छीनी।

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