बंधुआ मजदूरी से मजदूरों को बचाना प्रधान को पड़ा महंगा, पुलिस ने भेजा जेल
बंधुआ मजदूरी को बढ़ावा दे रही है लखीमपुर खीरी की पुलिस, ठेकेदार के साथ मिलकर पुलिस बना रही थी मजदूरों पर एडवांस मनी वापस करने का दबाव....
लखीमपुर खीरी से मुश्ताक अंसारी की रिपोर्ट
जनज्वार। मजदूर और ठेकेदार के बीच मजदूरी हेतु एडवांस मनी को लेकर हुए विवाद मामले में समझौता कराना लखीमपुर ब्लाक के सरखनपुर ग्राम प्रधान को इसलिए महंगा पड़ गया, क्योंकि उन्होंने मजदूरों का पक्ष लिया। मजदूरों का पक्ष लेने की कीमत ग्राम प्रधान को जेल की हवा खाकर चुकानी पड़ी।
घटनाक्रम के मुताबिक मजदूरों का कहना है कि ईंट भट्ठे पर मजदूर सप्लाई करने वाला दलाल जो कि मजदूरों से बंधुआ मजदूरी करना चाहता था, खीरी थाना पुलिस के सिपाही गजेंद्र को लेकर मजदूरों को धमकाने गया था। वहां गांव के प्रधान लियाकत ने दलाल ठेकेदार का पक्ष लेने के बजाय मजदूरों का पक्ष लिया। बंधुआ मजदूरी कराने के लिए एडवांस पैसा देने वाला ठेकेदार पुलिस को लेकर सरखनपुर पहुंचा था और मजदूरों पर बंधुआ मजदूरी करने या एडवांस मनी वापस करने के लिए दबाव बना रहा था।
ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव सरखनपुर के कुछ परिवारों ईंट—भट्ठों पर पथाई का काम करते हैं। मजदूर और ठेकेदारों के बीच अग्रिम भुगतान को लेकर विवाद हुआ था। 20 नवंबर को नगर पुलिस चौकी का एक सिपाही ठेकेदार के साथ गांव पहुंचा। वह ठेकेदार नहीं बल्कि ठेका मजदूरों की सप्लाई करने वाला दलाल था। उस दलाल द्वारा मजदूरों से अभद्रता करने पर लोगों ने उसको बुरी तरह पीट दिया।
इसके बाद ग्राम प्रधान ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करा दिया। समझौते को सिपाही ने अपनी तौहीन समझा और अभद्रता करना शुरू कर दी, जिससे वहां मौजूद महिलाओं ने सिपाही को दौड़ा दिया। अपनी बेइज्जती से खुन्नस खाए सिपाही गजेंद्र ने ग्राम प्रधान लियाकत, उनके पुत्र इकरार, जावेद, खालिद और गांव के ही गुफरान, मुन्ना, नौशाद को नामजद कर बलवा सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करा दी। शिकायत के बाद थानाध्यक्ष खीरी ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के इस कृत्य से नाराज सरखन पुर के ग्रामीणों ने थाने पहुंच कर प्रदर्शन किया, इसके बावजूद थाना प्रभारी खीरी ने सिपाही गजेंद्र की अभद्रता की अनदेखी करके प्रधान को परिवार अन्य समेत फर्जी मुकदमे में उनका चालान भेज दिया गया।
इस मसले पर श्रम विभाग के अधिकारी रामनाथ कहते हैं कि जहां एडवांस मनी का मामला सामने आए वो श्रम बंधुवा मजदूरी के अंतर्गत आता है।