4 तारीख से अपने घरों को लौट सकेंगे लॉकडाउन में फंसे मजदूर, लेकिन इन शर्तों के साथ
सवाल कि क्या हॉटस्पॉट और रेड जोन को मिली राहत या उन्हें करना होगा इंतजार
केंद्रीय गृह मंत्रालय पूर्ण लॉकडाउन 3 मई से समाप्त होने के बाद दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों को उनके गृह राज्य में भेजने की तैयारी की रूपरेखा बना रहा है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ
जनज्वार। कोरोना वायरस की भयावहता के बीच लगभग 40 दिन से मोदी सरकार द्वारा घोषित Lockdown की वजह से लाखों लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या प्रवासी मजदूरों की है, जो किसी भी हाल में अपने घर पहुंचना चाहते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में मजदूरों का जत्था पैदल ही हजारों किलोमीटर दूर अपने घरों की तरफ गया तो जगह-जगह उनके साथ भुखमरी और अमानवीयता की खबरें आम रहीं। मजदूरों की स्थिति को देखते हुए अब गृह मंत्रालय ने रोड के जरिए उन्हें निकालने की छूट राज्यों को दे दी है, मगर इसके साथ कई शर्तें लागू हैं।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि 4 तारीख से बाद से प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री और छात्र अपने घरों को लौट सकते हैं, लेकिन इसको ले जाने की जिम्मेदारी उक्त राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की होगी।
गृह मंत्रालय द्वारा मजदूरों की घर वापसी के रास्ते में जो सबसे बड़ी शर्त है वह यह है कि जो लोग लॉकडाउन में फंसे हैं, वे खुद से वापस अपने घर नहीं जा सकते। इसके लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से मुहैया करायी जाने वाली बसों का इंतजार करना होगा। अभी तक बसें कब तक चलेंगी, इस बार में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। सरकार का कहना है कि राज्य सरकारें जब सारी व्यवस्था करेंगी, उसी के बाद मजदूरों को लाने-ले जाने की प्रक्रिया शुरू करेंगी।
गौरतलब है कि मजदूरों को वापस उनके गांवों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनें शुरू नहीं की गयी हैं, बल्कि सिर्फ रोड के रास्ते ही उनकी घरवापसी का रास्ता साफ किया गया है। घर लौटने का इंतजार कर रहे मजदूरों को इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसके बाद उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग की जायेगी। अगर उनमें COVID-19 के लक्षण नहीं मिले, तभी उन्हें जाने दिया जाएगा।
गृह मंत्रालय द्वारा एडवायजरी के मुतातिक बसों के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णत: पालन किया जाना अनिवार्य है। बिना मास्क के किसी बस में नहीं बैठने दिया जायेगा।
एक बार जब बस प्रवासियों को लेकर संबंधित राज्य में पहुंच जायेगी तो उसके बाद वहां फिर से उनकी मेडिकल जांच की जायेगी। कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिलने के बाद ही प्रवासियों को उनके घर जाने की इजाजत दी जायेगी।
प्रवासी जब अपने राज्य पहुंच जायेंगे और मेडिकल में कोरोना मुक्त पाये जायेंगे तभी घर जाने दिया जायेगा। यही नहीं घर जाने के बाद भी 14 दिन तक होम क्वारंटीन का सख्ती से पालन करना होगा। यानी अपने घर में घरवालों से दूरी बनाकर रखनी होगी।
अगर किसी की जांच में कोविड-19 के लक्षण मिलते हैं तो उसको नजदीकी COVID-19 अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जायेगा, जहां आइसोलेशन में रख समय-समय पर जांच की जाएगी। अपने घर जाने के इच्छुक हर व्यक्ति को मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा, ताकि जरूरत पड़ने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा सके।