NHM ठेका स्वास्थ्य ​कर्मियों ने कहा हमारी मांगों पर ध्यान दे सरकार, नहीं तो आंदोलन को होंगे बाध्य

Update: 2018-02-02 11:37 GMT

संविदा और ठेका कर्मचारियों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे, जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी...

उत्तर प्रदेश। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में कार्यरत देश के लाखों संविदा व ठेके पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्मिकों ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि वह हरियाणा की तरह पूरे देशभर के संविदा व ठेका स्वास्थ्य कर्मचारियों को ग्रेड पे प्रदान करते हुए परमानेंट लोकसेवकों के जैसी सेवानीति लागू करे।

उत्तर प्रदेश में NHM संविदा स्वास्थ्य कार्मिकों को अनुमन्य मानव संसाधन नीति, लोयलिटी बोनस आदि सेवालाभों को लागू नहीं किया गया है। अतः उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के संविदा स्वास्थ्य कार्मिकों ने सरकार से मांग की है कि उनकी सेवानीति में इन समस्त सेवालाभों को लागू किया जाय। संविदा कर्मियों ने इस संदर्भ में जारी अर्धशासकीय पत्रों पर सरकार से ध्यान देने का निवेदन किया है। कहा है कि NHM स्वास्थ्य योजनओं में संविदा व ठेका प्रथा समाप्त की जाए।

संविदा कर्मचारियों ने मांग की है कि NHM के सभी संविदा व ठेका पर कार्यरत कार्मिकों को 15 फरवरी 2018 तक स्थायी घोषित किया जाए। समान पद समान वेतन, समान कार्य समान वेतन प्रणाली लागू की जाए जैसा कि माननीय उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालयों के द्वारा केंद्र व राज्य सरकारों को आदेश निर्गत किये गए हैं।

मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 10000 मासिक मानदेय प्रदान किया जाए।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत सभी संविदा और ठेका स्वास्थ्य कार्मिकों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि उनकी मांगों पर विशेष ध्यानाकर्षण कर उन्हें जल्द से जल्द लागू किया जाए।

साथ ही कहा है कि संविदा और ठेका कर्मचारियों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे, जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी।

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