खुले में शौच करने पर दलित युवक की मॉब लिंचिंग के बाद मौत, 7 आरोपी गिरफ्तार
दक्षिण चेन्नई के विल्लुपुरम में खुले में शौच करने कर पर दलित युवक की मॉब लिंचिंग, आरोपियों ने हाथ-पैर बांधकर पीटा, अस्पताल ले जाते वक्त मौत, मामले में 7 आरोपी गिरफ्तार..
जनज्वार। दक्षिण चेन्नई के विल्लुपुरम कस्बे के पास पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले एक 24 वर्षीय दलित युवक को खुले में शौच करने पर मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। बुधवार को यह घटना हुई। इसके बाद उत्पीड़न का यह वीडियो इलाके में वयारल होने लगा। शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि मामले में अन्य लोगों की जांच की जा रही है।
इस मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जिस गाँव में आर सकथिवेल पर हमला किया गया, वह वन्नियार बहुल है जो उत्तरी तमिलनाडु में एक सामाजिक रूप से ताकतवर ओबीसी समुदाय है। वह दलितों के प्रति खुली दुश्मनी करने के लिए जाने जाते हैं। जबकि सकथिवेल एससी द्रविड़ समुदाय के हैं। वन्नियार सबसे पिछड़ी जाति (एमबीसी) के हैं, जो तमिलनाडु में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
संबंधित खबर : उत्तराखंड में दूसरी जाति-धर्म में शादी करने पर बेटियों को नाबालिग बता पति को जेल भेज रहे मां-बाप
पीड़ित की 26 वर्षीय बहन आर थिवनई ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि सकथिवेल पर हमला केवल इसलिए किया गया क्योंकि वह दलित था। थिवनई ने याद करते हुए कहा कि मंगलवार को वह पेट्रोल पंप पर नाइट ड्यूटी पर था और बुधवार सुबह घर पहुंचा। बाद में उन्हें उनके सहयोगियों से एक फोन आया जिसमें उन्होंने अपने आधार कार्ड और कुछ आधिकारिक सत्यापन के लिए एक फोटो के साथ आने के लिए कहा गया। जब वे दोपहर 1.30 बजे के आसपास घर से बाहर निकले तो उन्होंने उनके दोपहिया वाहन में केवल कम पेट्रोल था।
कुछ समय बाद मुझे उसके फोन से एक और कॉल आया और मैंने पूछा कि क्या वह अपने ऑफिस पहुँच गए हैं। लेकिन वहां से एक अलग आवाज थी। उस आदमी ने कहा कि उन्होंने सकथिवेल को बांध दिया है और वह उनकी गिरफ्त में है। उन्होंने मुझे बूथ हिल्स (अपने घर से लगभग 5 किमी) पहुंचने के लिए कहा। इससे यह स्पष्ट था कि कुछ समस्या थी।
इसके बाद थिवनई अपने एक रिश्तेदार के साथ दोपहिया वाहन अपने छह वर्षीय बच्चे के साथ बैठकर बूथ हिल्स के लिए रवाना हुईं। जब हम पहुंचे तो सकथिवेल के मुंह और नाक से काफी खून बह रहा था और आसपास लगभग 15-20 लोग जमा थे। जम मैं पहुंची तो उन्होंने उसे और पीटा। मैने उन्हें रोकने की कोशिश की और मदद की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने मुझे लात मारी और मेरा बच्चा जमीन पर गिरा। सकथिवेल मुश्किल से बात कर पा रहे थे। फिर उन्होंने मुझे बच्चे के साथ जाने का संकेत किया।
घटना के करीब दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सकथिवेल और थिवनई को घर जाने को कहा। थिवनई और उनके गांव के कुछ अन्य लोग भी बूथ हिल्स पहुंच चुके थे। इसके बाद थिवनई और उनके एक रिश्तेदार सकथिवेल को घर ले जाने में सफल हो पाए।
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले लिंचिंग की फुटेज के आधार पर सकथिवेल की हत्या के आरोप में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किा है जिसमे तीन महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं। कई ग्रामीणों से बातचीत करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ित ने टाइट जींस पहन रखी थी और सड़क के किनारे बैठने से पहले इसे पूरी तरह से उतार दिया था। पास में एक साइट पर काम करने वाली एक महिला ने उसे देखा और उसे लगा कि वह उसे यह दिखा रहा है। हम आगे जांच कर रहे हैं।
थिवनई ने अपने भाई के बारे में कहा, वह ऐसा कभी नहीं कर सकता। सकथिवेल ऐसा व्यक्ति था जिसने हर दिन हमें खाना खिलाया। वह दसवीं कक्षा में फेल हुआ था। उसने छोटी उम्र में ही बाहर काम करना शुरु कर दिया था। उसने मेरी और मेरी छोटी बहन की शादी भी करवाई। इससे पहले वह सीमेंट की बड़ी बोरियां ले जाता था।
संबंधित खबर : मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग के प्रश्नपत्र में भील जनजाति को अपराधी और शराबी बताने से मचा बवाल
थिवनई ने आगे बताया कि भीड़ ने उसे पकड़ा। उन्होंने उसका आधार कार्ड चेक किया और उसकी जाति का नाम नोट किया। उस पर हमला करते हुए वे उसे गाली देते रहे और हमारी जाति का नाम पुकारते रहे।
हालांकि, विल्लुपुरम एसपी डी. जयकुमार ने कहा कि अगर हत्या के लिए एक जातिगत एंगल था, तो यहएक विस्तृत जांच से ही पता चल सकता है। वह गंभीर यातना के कारण दिल का दौरा पड़ने से मर गया। जयकुमार ने कहा कि आईपीसी की धारा 302 (हत्या की सजा) के साथ एससी / एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।