आरक्षण के कारण नहीं, अधिक फीस के कारण सवर्ण छात्र नहीं कर पा रहे मेडिकल की पढ़ाई
यदि आप 19 लाख रुपये सालाना फीस देने को तैयार हैं तो आपके बच्चे का दाखिला 221 के NEET स्कोर पर भी हो सकता है...
दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षक रवींद्र गोयल का विश्लेषण
हममें से कई मित्र समाज में योग्यता को तरजीह न देने वाली आरक्षण की नीतियों को समाज में शिक्षा के गिरते स्तर के लिए जिम्मेवार मानते हैं। यह सूत्रीकरण कितना सही है और कितना गलत इसको तथ्यों की रौशनी में परखा जाये तो सच्चाई कुछ और ही है।
इस सम्बन्ध में पत्रकार रेमा नागराजन ने पिछले साल (2017) के कुल मेडिकल में 57000 छात्र/छात्राओं के दाखिले सम्बन्धी विस्तृत अध्ययन में पाया कि जाति-आधारित आरक्षण नहीं बल्कि पैसा हमारे देश में मेडिकल प्रवेश में योग्यता से समझौता करने का प्रभावी औज़ार है।
जानकारी के लिए बता दें की देश के मेडिकल कालिजों में दाखिला NEET की परीक्षा के जरिये होता है। लेकिन आपका दाखिला कितने NEET परीक्षा स्कोर पर होगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा की आपकी जेब में कितना पैसा है, जो आप फीस के रूप में सरकारी मेडिकल कॉलेज/ मेडिकल शिक्षा दुकान को दे सकते हैं। (देखें नीचे दी गयी तालिका)।
अब इस पर तो शायद कोई भी असहमत नहीं होगा की ज्यादा neet स्कोर वाले छात्र को ज्यादा योग्य माना जाना चाहिए। neet टेस्ट की उपयोगिता और रिजल्ट में ज्यादा अंक और योग्यता के सम्बन्ध में सबके अलग अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान समाज में जहाँ उच्च शिक्षा की सुविधाएँ बहुत ही कम हैं, वहां इस पर चर्चा की अभी जरूरत नहीं है।
यदि आप सरकारी कॉलेज में पढ़ना चाहते हैं, जहाँ अभी भी फीस तुलनात्मक रूप से कम है, तो आप को कम से कम 332 का neet स्कोर चाहिए, लेकिन प्राइवेट कॉलेज में यदि आप उन्नीस लाख रुपये सालाना फीस देने को तैयार हैं तो आपका दाखिला 221 के neet स्कोर पर भी हो सकता है।
दिलचस्प यह भी जानना होगा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में sc/st छात्र का neet स्कोर 365/332 है, जबकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट कोटा जहाँ सालाना फीस 10 लाख रुपये है, वहां दाखिले के लिए 315 neet स्कोर चाहिए। और यदि आप बड़ी हैसियत वाले हैं तथा 19 लाख रुपये सालाना फीस दे सकते हैं तो बतौर एनआरआई छात्र के आपको केवल 221 के neet स्कोर पर ही दाखिला मिल सकता है। फीस जरूर dollar में देनी होगी, तभी आप अपने आपको एनआरआई साबित कर पाएंगे।
2017 में देश के मेडिकल कॉलेजों में हुए दाखिलों में योग्यता स्तर – एक विश्लेषण
कालेज | औसत NEET स्कोर | सालाना फीस |
सरकारी | ||
सामान्य ( general ) केटेगरी छात्र | 524 | |
obc छात्र | 465 | |
sc छात्र | 365 | |
st छात्र | 332 | |
प्राइवेट | ||
Government or merit छात्र | 399 | पांच लाख रुपये |
Management quota छात्र | 315 | तेरह लाख रुपये |
Nri quota छात्र | 221 | उन्नीस लाख रुपये |
स्रोत - रेमा नागराजन का लेख इस लिंक पर- https://economictimes.
नतीजतन, neet स्कोर और फीस के बीच सीधा सहसंबंध देखा जा सकता है। एनआरआई कोटा जहाँ सबसे ज्यादा फीस है, उसी के अंतर्गत सबसे कम योग्य छात्रों को दाखिला मिल सकता है। फीस और neet स्कोर स्कोर के बीच सहसंबंध सरकारी कॉलेजों में भी देखा जा सकता है, जहाँ कुछ ने मध्यम वर्ग के परिवारों की पहुँच के बाहर फीस चार्ज करना शुरू कर दिया है।
अध्ययन में देखा गया कि सरकारी कॉलेजों में जहाँ फीस कम थी, वहां छात्रों का औसत स्कोर ज्यादा था। जहां वार्षिक शुल्क 50,000 रुपये से कम है, वहां औसत स्कोर 487 था, जबकि एक लाख या उससे अधिक की फीस वाले संस्थानों के लिए औसत स्कोर 372.5 था।
(दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक रवींद्र गोयल मजदूरों संबंधी मसलों को लेकर सक्रिय रहते हैं।)