बीएचयू आईआईटी में 700 लड़कियों ने हॉस्टल में रद्दी खाना मिलने के खिलाफ किया आंदोलन, कहा महाराज प्रणाली करो लागू

Update: 2019-08-29 04:25 GMT

मैस के खाने की घटिया क्वालिटी के विरोध में निदेशक आवास के बाहर प्रदर्शनरत बीएचयू आईआईटी की छात्राओं ने आश्वासन के बाद लिया धरना वापस

जनज्वार। खराब खाने के विरोध में वाराणसी बीएचयू IIT की छात्राओं ने लगातार दो बार धरना—प्रदर्शन किया था। कल 28 अगस्त की रात को तकरीबन 11 बजे दूसरी बार लगातार 7 घंटे तक IIT डायरेक्टर के घर के बाहर लगभग 700 छात्राओं ने अपना विरोध प्रदर्शन व्यक्त किया है, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन के आश्वासन के बाद उन्होंने अपना धरना वापस ले लिया है।

गौरतलब है कि 26 अगस्त को भी सैकड़ों छात्राओं ने खराब खाने और पेयजल की समस्या को लेकर निदेशक के आवास पर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी ही।

छात्राओं ने धरना—प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि हम लोग बहुत लंबे टाइम से कह रहे हैं कि बीएचयू IIT की मेस में खाने की क्वालिटी बहुत रद्दी है, मगर कोई हमारी बात पर कान नहीं दे रहा। छात्राएं इस खराब खाने को लेकर बीमार पड़ रही थीं। छात्राओं ने मांग की कि मैस में विवि प्रशासन महाराज प्रणाली लागू करे, ताकि हमें अच्छी क्वालिटी का खाना मिले और कोई बीमार न पड़े।

हीं आईआईटी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना था इन समस्याओं को जल्द ही दूर कर लिया जायेगा। छात्राएं आधी रात को हाथ में थाली, गिलास, कटोरा लेकर निदेशक के आवास पर पहुंच गईं और आईआईटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मेस संचालन की वर्तमान व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त की।

दुबारा धरना देने से पहले छात्राओं ने कहा कि, हम 700 छात्राएं एक सिस्टम और इतने बुरे मेस के लिए संघर्ष करने के लिए आज फिर रात को एक धरना दे रही हैं। हम लोग ढाई घंटे से बैठे हुए हैं, पर प्रशासन को कोई सुध नहीं ले रहा। प्रशासन को अपनी तानाशाही के आगे सड़कों पर बैठी लड़कियां नहीं दिख रही है। लड़कियों ने कहा हम महाराज सिस्टम मेस और 2 से ज्यादा मेस की मांग लंबे समय से कर रहे हैं, जब प्रशासन हमारी नहीं सुन रहा तो हमें मजबूरन धरना देना पड़ा है।

छात्राओं का कहना है कि जब हमारी बात सुनने को विवि प्रशासन सुनने को तैयार नहीं हुआ तब हमने धरने का रास्ता अख्तियार किया। बीएचयू आईआईटी के न्यू गर्ल्स हॉस्टल में 26 अगस्त की रात खराब खाना को लेकर छात्राएं भड़क गईं और उन्होंने पहले हॉस्टल के बाहर नारेबाजी की और उसके बाद निदेशक के आवास पर पहुंचकर धरने पर बैठ गईं।

रात करीब 12:30 बजे निदेशक आवास पर प्रदर्शन के दौरान निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने अगले दिन समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया जिसके बाद छात्राएं हॉस्टल लौट आईं, मगर जब यह मात्र कोरा आश्वासन साबित हुआ तो छात्राएं 28 अगस्त को एक बार फिर निदेशक आवास के सामने धरने पर बैठ गयीं।

घटिया क्वालिटी के खाने के खिलाफ धरनारत छात्राएं

हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं का कहना है कि यहां पानी, बिजली की समस्या के साथ मेस के खाने की गुणवत्ता भी बहुत खराब है, जिससे आये दिन छात्राओं की तबीयत खराब होती रहती है।

वाराणसी बीएचयू IIT की छात्रा वंदना भगत धरना वापस लिये जाने के बारे में लिखती हैं, 'डायरेक्टर के निवास पर 7 घंटे लगातार 10 से 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद कॉलेज प्रशासन ने आखिरकार हमारी मांग को स्वीकार कर लिया। इस पर चर्चा के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसमें विरोध प्रदर्शन में शामिल रहीं 2 छात्रायें भी शामिल होंगी। यह उन सभी लड़कियों के लिए एक बड़ी जीत है, जो 7 घंटे के लिए वहां थीं। हमने आईआईटी बीएचयू के निदेशक की तानाशाही को भी देखा है, जो अपना घर छोड़ते हैं, क्योंकि छात्र उनसे मिलने आ रहे थे। वह IIT गेस्ट हाउस में मौजूद थे और 5 घंटे के बाद विरोध स्थल यानी अपने स्वयं के निवास पर आए।'

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