छात्र युवा आंदोलन के 50 वर्ष पर आज जनज्वार का कार्यक्रम

Update: 2018-05-26 08:36 GMT

फ्रांस में हुए छात्र—युवा आंदोलन के वक्त वहां मौजूद रहे इतिहासकार दिलीप सिमियन से उस आंदोलन के दौर, वहां के माहौल, समाज पर आंदोलन के असर समेत तमाम अन्य पहलुओं पर बातचीत करेंगे एनडीटीवी इंडिया के सीनियर एडिटर हृदयेश जोशी...

जनज्वार, दिल्ली। फ्रांस में हुए छात्र—युवा आंदोलन के 50 वर्ष पूरे होने पर आज जनपक्षधर समाचार साइट जनज्वार डॉट कॉम की तरफ से 'मई 1968 : छात्र—युवा आंदोलन के 50 गौरवशाली वर्ष' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन आज शनिवार 26 मई, को 3 से 6 बजे शाम तक प्रेस क्लब आॅफ इंडिया, रायसीना रोड, नई दिल्ली में किया जाएगा। यह कार्यक्रम प्रेस क्लब आॅफ इंडिया के सौजन्य से आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता फ्रांस में हुए छात्र—युवा आंदोलन के वक्त वहां मौजूद रहे इतिहासकार दिलीप सिमियन शामिल हैं। उनसे उस आंदोलन के दौर, वहां के माहौल, समाज पर आंदोलन के असर समेत तमाम अन्य पहलुओं पर एनडीटीवी इंडिया के सीनियर एडिटर हृदयेश जोशी बातचीत करेंगे।

गौरतलब है कि इस महीने फ्रांस के पेरिस से शुरू हुए छात्र—युवा आंदोलन 'मई 1968' के 50 गौरवशाली वर्ष इस महीने पूरे हो रहे हैं।

फ्रांस के पेरिस शहर से शुरू हुए इस छात्र—युवा आंदोलन ने बहुत जल्दी ही वैश्विक रूप ले लिया और फ्रांस के इतिहास में वहां की आवाम ने सबसे बड़ी आम हड़ताल की। इस आंदोलन में समाज के हर तबके ने भागीदारी की। छात्रों के साथ—साथ इसमें किसान, मज़दूर और आम नागरिक भी शामिल हुए।

यह आंदोलन उस दौर में दुनियाभर में छात्रों—युवाओं और मज़दूरों के आंदोलन का प्रतिनिधि स्वर बना। यूरोप के अन्य देशों लैटिन और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के देशों में चल रहे आंदोलनों को इससे बल मिला।

भारत भी इससे अछूता नहीं रहा और 1967 में शुरू हुए नक्सलबाड़ी आंदोलन से लेकर 1974-75 के देशव्यापी छात्र आंदोलन तक इसकी गूंज रही।

आज जब फिर से विश्वविद्यालयों और छात्र आंदोलनों पर भयंकर किस्म के हमले हो रहे हैं और मज़दूर आंदोलनों व युवाओं पर राजकीय दमन जारी है, तो इस पर बात होनी जरूरी है। इसी उद्देश्य से "मई 1968" की आज के समय में प्रासंगिकता और सबक पर जनज्वार की तरफ से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

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