पूर्व मंत्री राकेश धर पर चलेगा भ्रष्टाचार का मुकदमा, मामला खत्म करने की अर्जी हुई खारिज

Update: 2019-08-04 04:57 GMT

राकेश धर ने मंत्री पद पर रहते हुए अपने आय के समस्त ज्ञात व वैध स्रोतों से कुल 49 लाख 49 हजार 928 रुपए की आय अर्जित की। इस अवधि में उनके द्वारा संपत्तियों के अर्जन और भरण पोषण पर किया गया कुल व्यय दो करोड़ 67 लाख आठ हजार 605 रुपए पाया गया...

जनज्वार। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को एक बार फिर झटका लगा है। प्रयागराज के स्पेशल कोर्ट एमपीएमएलए ने उनको मुकदमे से डिस्चार्ज करने की अर्जी खारिज कर दी है। अब राकेशधर पर आरोप तय होगा और मुकदमे का विचारण किया जाएगा।

र्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने पूर्व मंत्री पर लगे भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में आरोप तय करने का निर्णय किया है। यह आदेश स्पेशल कोर्ट केजज पवन कुमार तिवारी ने दिया है।

सपा सरकार में मंत्री रहे राकेश धर की ओर से उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप से डिस्चार्ज करने की अर्जी देकर कहा गया था कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप नहीं बनता है। अर्जी का शिकायतकर्ता अजय कुमार पांडेय ने विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त द्वारा कुल व्यय उसकी आय की तुलना में 295 प्रतिशत अधिक है। शिकायतकर्ता ने पूर्व मंत्री की डिस्चार्ज अर्जी खारिज करने की मांग की थी।

पूर्व मंत्री पर आरोप तय करने पर 28 अगस्त को सुनवाई होगी। राकेश धर को इस दिन अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय किए जाने के लिए इस स्तर पर साक्ष्य का विस्तृत मूल्यांकन करने की आवश्यकता नहीं है। आरोप तय किए जाने के लिए पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य ही पर्याप्त होता है। प्रकरण की सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी कोर्ट में उपस्थित थे।

रअसल बसपा सरकार में मंत्री रहे राकेश धर के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम सुभग ने मुट्ठीगंज थाने में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) ई सपठित धारा 13 (2) के तहत 18 जून 2013 को एफआईआर दर्ज कराई थी।

रोप है कि राकेशधर ने मंत्री पद पर रहते हुए अपने आय के समस्त ज्ञात व वैध स्रोतों से कुल 49 लाख 49 हजार 928 रुपए की आय अर्जित की। इस अवधि में उनके द्वारा संपत्तियों के अर्जन और भरण पोषण पर किया गया कुल व्यय दो करोड़ 67 लाख आठ हजार 605 रुपए पाया गया।

जांच की निर्धारित अवधि में अर्जित की गई आय के सापेक्ष दो करोड़ 17 लाख 58 हजार 677 रुपए का अधिक व्यय किया गया, जिसे पूर्व मंत्री की आय से अधिक आनुपातिक पाया गया था। विवेचना के बाद 14 मार्च 2016 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम वाराणसी द्वारा प्रकरण पर संज्ञान लिया गया।

14 नवंबर 2016 को पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी ने स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर जमानत अर्जी पेश की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया था। हाईकोर्ट ने 18 जनवरी 2017 को पूर्व मंत्री को सशर्त जमानत दी थी।

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