सिलेंडर के बढ़ते दाम के खिलाफ महिलाएं उतरीं सड़क पर

Update: 2017-09-18 12:46 GMT

रामनगर, उत्तराखण्ड। केन्द्र सरकार द्वारा घरेलू गैस सिलेन्डर पर मिलने वाली सब्सिडी को आगामी मार्च तक समाप्त किये जाने और उस पर पांच फीसदी जीएसटी लगाए जाने के विरोध में रविवार 17 सितंबर को उत्तराखण्ड के रामनगर में महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर अपना आक्रोश जमकर प्रकट किया। महिलाओं ने घरेलू गैस सिलेन्डर के दाम दो सौ रुपये निर्धारित किये जाने की मांग का एक ज्ञापन भी प्रधानमंत्री मोदी को भेजा है।

महिला एकता मंच के तत्वाधान में रामनगर के लखनपुर शहीद पार्क में एकजुट महिलाओं ने हंगामेदार सभा के दौरान केन्द्र सरकार को अपने निशाने पर लेते हुये कहा कि बहुमत के नशे में केन्द्र सरकार देश की जनता को मिलने वाली गैस सब्सिडी को अगले मार्च तक पूरी तरह से खत्म करने पर उतारु है। इसके साथ ही सरकार ने आम आदमी की कमर तोड़ने के लिये अतिआवश्यक घरेलू गैस पर पांच फीसदी का जीएसटी भी थोप दिया गया है, जबकि पिछले साल केन्द्र व राज्य सरकारो द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों व कुकिंग गैस पर वसूले गये टैक्सों व रायल्टी ही सवा पांच लाख करोड़ से अधिक है।

यदि इस रकम को 15 प्रतिशत भी यदि केन्द्र सरकार सब्सिडी पर खर्च करने को तैयार हो तो देश की जनता को घरेलू गैस का सिलेन्डर दो सौ रुपये में उपलब्ध कराया जा सकता है। महिलाओं ने आरोप दोहराया कि सरकार घरेलू गैस के दामों में बढ़ोतरी करते हुये गैस को निजी क्षेत्र में लाकर रिलायंस कम्पनी के हवाले करने की योजना पर काम कर रही है।

विरोध प्रदर्शन में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि जिस प्रकार आये दिन मंहगाई बढ़ रही है, उस हालत में घरेलू गैस की सब्सिडी खत्म करना व उस पर जीएसटी को थोपना आम जनता के पेट पर लात मारने जैसा है। महिलाओं ने इस मुददे पर एकजुटता के साथ केन्द्र व राज्य सरकारों की दमनकारी योजनाओं व नीतियों के प्रति निर्णायक संघर्ष किये जाने का आह्वान भी किया।

सभा के बाद महिलाओं ने नगर में जुलूस का आयोजन भी किया जो शहीद पार्क से शुरु होकर नगर के विभिन्न हिस्सों से गुजरता हुआ नागा मन्दिर व्यापार भवन पर समाप्त हुआ। महिलाआें ने इस मामले में एक ज्ञापन भी प्रधानमंत्री को फैक्स किया जिसमें उन्होने कहा कि जिस प्रकार सरकार घरेलू गैस पर सब्सिडी खत्म करके इसे खुले बाजार के हवाले करने की योजना बना रही है, उससे घरेलू गैस सिलेन्डर की कीमत एक हजार रुपये पहुंच जायेगी, जो कि देश की बहुलांश आबादी के बजट से बाहर है।

महिलाओं ने घरेलू सिलेन्डर की कीमत दो सौ रुपये निर्धारित किये जाने, पांच फीसदी लगाया गया जीएसटी वापस करने व गैस उत्पादन व विपणन का निजीकरण बंद करने की मांग की। इस मौके पर महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत, सहसंयोजक सरस्वती जोशी, विमला देवी, शीला शर्मा, जानकी देवी, ललित उप्रेती, प्रभात ध्यानी, मुनीष कुमार, कैसर राणा, मंजू रावत, कंचन, पार्वती देवी, सुशीला देवी सहित नगर व ग्रामीण क्षेत्र की अनेक महिलाएं मौजूद रहीं।

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