अंबेडकर जयंती पर आज गिरफ्तारी देंगे गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े

Update: 2020-04-14 02:30 GMT

पिछले हफ्ते भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को एक हफ्ते के भीतर सरेंडर करने को कहा था..

जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और प्रोफेसर व लेखक आनंद तेलतुंबड़े को 14 अप्रैल को सरेंडर करना है। बता दें कि पिछले हफ्ते भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को एक हफ्ते के भीतर सरेंडर करने को कहा था।

से में इन दोनों के समर्थकों ने तय किया कि गिरफ्तारी 14 अप्रैल को दी जाये, जिससे कि भीमा कोरेगांव का मायने और मतलब भी जनता के बीच जाये और गिरफ्तारी का महत्व भी बने।

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गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े को सुप्रीम कोर्ट ने अब तक गिरफ्तारी से राहत दे रखी थी, मगर अब उन्‍हें जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट की दी हुई मोहलत आज 14 अप्रैल को ही खत्म हो रही है।

हीं उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने आह्वान करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 'हमारी मांग में शामिल हों -आनंद को गिरफ्तार न करो। अंबेडकर जयंती पर आनंद तेलतुम्बडे की गिरफ्तारी राष्ट्रीय शर्म है। चलो एकजुट हो जाएं और ट्वीट का उपयोग करें।'

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जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा, 'महामारी के बीच इन प्रमुख सार्वजनिक बुद्धिजीवियों और मानवाधिकार रक्षकों को गिरफ्तार करना अमानवीय है और इसे रोकने की जरूरत है!'

सीपीआई एमएल नेता कविता कृष्णन ने ट्वीट में लिखा, अंबेडकरवादी बौद्धिक और कार्यकर्ता प्रोफ़ेसर आनंद तेलतुम्बडे को अंबेडकर जयंती पर कल (बिना किसी अपराध के) गिरफ्तार किया जाना है? आनंद को गिरफ्तार मत करो। गौतम को गिरफ्तार मत करो। सुधा, रोना, शोमा, अरुण, सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करें।

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तिहासकार एस इरफान हबीब ने लिखा, हम भारतीयों के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। बाबा साहब के साथ उनका पारिवारिक जुड़ाव रहा है, आनंद तेलतुंबड़े एक गंभीर विचारक और कार्यकर्ता हैं, जो सम्मान के हकदार हैं, गिरफ्तारी के नहीं।

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