राशन की मांग पर भूखे मजदूरों ने बजाई थाली, मोदी से कहा जुमलों से नहीं खाने से भरता है पेट
लॉकडाउन के कारण कई मजदूरों की रोजी रोटी अचानक ही छिन गई है। उनमें से बहुत से लोग बिना किसी आय के अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं तो कई लोग घरों को लौटने के लिए बैचेन है। भूख का दायरा तेजी से बढ़ रहा है और रोजमर्रा के जरूरी सामान की भारी कमी है...
जनज्वार। लॉकडाउन में दिन बीतने के साथ आम लोगों की जेब में जो थोड़ा बहुत पैसा था वह भी खत्म हो रहा है। लगातार सूचनाएं आने के बाद भी मदद मांगने वाले लोगों की कहीं कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
बहुत से स्थानों पर पुलिस व प्रशासन से भयाक्रांत लोग अपने करीबी मित्रों, सम्बंधियों और मदद में उतरे संगठनों से गुहार कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते वे भी उनकी मदद करने की हालत में नहीं हैं। सबसे बुरा हाल गांव-शहर के गरीबों के मुहल्लों-टोलों में है जहा जेबें हमेशा खाली होती हैं।
हालाकि वंचित समुदायों और प्रवासी मजदूरों का हाल मीडिया में हाईलाइट हो रहा है लेकिन सच यही है कि विभिन्न सामाजिक संगठनों, आम जनता और जमीनी राजनीतिक कार्यकर्ताओं के प्रयासों से ही अब तक कुछ ठोस काम इस दिशा में हुआ है। सरकारी घोषणाओं में काम कम ज्यादा हैं। ऐसे में हालात काफी खराब होने लगे हैं, क्योंकि जो लोग अभी तक अपनी बचत में से काम चला ले रहे थे, उनके भी पैसे खत्म हो रहे हैं।
विडम्बना तो यह है कि एक वक्त का खाना मांगने के लिए भी सरकार कहीं राशन कार्ड दिखाने को कह रही है, तो कहीं आधार कार्ड। अभी तक किसी अन्य देश से तो ऐसी कोई खबर नहीं आयी है कि वायरस की बीमारी के अलावा लॉकडाउन के कारण भी दर्जनों लोग की मौत हो गई।
लॉकडाउन के कारण कई मजदूरों की रोजी-रोटी अचानक ही छिन गई है। उनमें से बहुत से लोग बिना किसी आय के अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं, तो कई लोग घरों को लौटने के लिए बेचैन हैं। भूख का दायरा तेजी से बढ़ रहा है और रोजमर्रा के जरूरी सामान की भारी कमी है।
ऐसे में आज मजदूरों के द्वारा देशभर में थाली बजाकर पीएम मोदी से राशन देने और गरीब मजदूरों की भूख मिटान के लिए अपील की इस दौरान देश भर में मजदूर अपने घरों से निकलकर थालियां बजाई, जिसमें से कई लोगों ने अपने गले में भूख मिटाने की अपील लगाई हुई पट्टी के बांधे लोग खड़े हो रखे थे।
मजदूरों का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर हम लोगों ने देश थाली के साथ ताली भी बजाई, लेकिन अब हम अपनी भूख को मिटाने के लिए थालियां बजा रहे हैं। हमारी मोदी जी से अपील है कि वह हमें राशन उपलब्ध कराए।
दिल्ली में मजदूरों ने राशन की मांग के साथ प्रदर्शन किया, lockdown के नियमों का पालन करते हुए. थाली आप की बात सुनकर बजाया था
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ऐसे में राजधानी दिल्ली, पंजाब के बटाला और उड़ीसा के कोरपुट समेत पूरे भारत में गरीब और मजदूरों के द्वारा थाली बजाकर प्रदर्शन किया गया। इस पर कविता कृष्णन ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार से मजदूरों ने भोजन की गारंटी, सबको राशन देने, वेतन में किसी तरह की कटौती नहीं करने समेत कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन जताया है। साथ ही इसके जरिए कोरोना महामारी को सांप्रदायिक एजेंडे के रूप में इस्तेमाल करने और कोविड -19 से लड़ने के लिए कहा गया है।
मोदी जी ने थाली, ताली बजवाई और दिया-मोमबत्ती जलवा दिया। चलिए ठीक है, लेकिन अब मोदी सरकार की पहली जिम्मेदारी है कि विभिन्न राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, उनके गांव में परिवारों और सभी गरीब जरूरतमंदों को लॉकडाउन के दौरान पूरे सम्मान के साथ भोजन एवं आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराये।
गरीबों ने लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए थाली बजाकर राशन किरासन के मांग को उठाया
Maintaining lockdown norms, the poor all over India banged empty plates to raise the demand to
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इस प्रदर्शन के अलावा हम लोगों ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन के जरिए मांग की है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाये जायें और सभी तबकों की विशिष्ट जरूरतों का ध्यान रखा जाय। इसके साथ हमारी यह भी मांग की है कि साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने और तनाव व भेदभाव करने वालों के खिलाफ, अफवाहों और अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
भाकपा-माले ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक मेमोरेण्डम भेजा है, जिसकी प्रति सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों भी भेजी गई है।अब लॉकडाउन का अगला दौर, यदि आता है तो पूरी तैयारी के साथ होना चाहिए। इसमें सरकार की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है, जो अभी तक बेहद कमजोर और पूर्वाग्रहग्रस्त दमनात्मक ज्यादा रही है।