पुलिस ने बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या करने वाले छात्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करते हुए कार्रवाई भी शुरू कर दी है...
जनज्वार। हैदराबाद आईआईटी कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र द्वारा बिल्डिंग से कूदकर जान देने की खबर सामने आ रही है। छात्र तीसरे वर्ष का छात्र है और घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि अभी खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल पाया है, मगर इसे लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। छात्र के साथियों की बातचीत के मुताबिक डिप्रेशन के चलते कम्प्यूटर साइंस के छात्र सिद्धार्थ ने आत्महत्या की।
गौरतलब है कि देश में छात्रों द्वारा पढ़ाई के तनाव में आत्महत्या की घटना बड़े तादाद में सामने आ रही है। स्कूल-कॉलेज के छात्रों द्वारा रिजल्ट खराब आने या फिर पढ़ाई के तनाव के चलते बड़ी संख्या में आत्महत्या की घटनायें देशभर में सामने आती रहती हैं।
फिलहाल पुलिस ने बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या करने वाले छात्र सिद्धार्थ पिचिकाला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करते हुए कार्रवाई भी शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस को घटनास्थल से किसी तरह का कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है, इसलिए पुलिस हर कोण से आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। आत्महत्या करने वाले छात्र के साथ पढ़ने वाले बच्चों से भी पूछताछ की जा रही है।
अभी थोड़े दिन पहले 22 अक्टूबर को बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग के छात्र ने भी खुदकुशी कर ली थी। हर्षा नाम का यह मृतक छात्र अमृता इंजीनिरिंग कॉलेज में तीसरे वर्ष का छात्र था। इस मामले में हर्षा ने कॉलेज प्रबंधन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद कॉलेज ने उसे सस्पेंड करने की धमकी दी थी। इसी धमकी के बाद छात्र ने अपने कॉलेज की सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी।
इसी महीने 14 अक्टूबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने भी आत्महत्या कर ली थी। ओखला विहार इलाके में किराए पर रहने वाले छात्र ने अपने ही घर पर कथित रूप से फंदा लगाकर जान दे दी थी। 22 साल के इरफान बीके की मौत का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। छात्र केरल का रहने वाला था।
गौरतलब है कि इसी साल 3 जुलाई को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-हैदराबाद (आईआईटी-एच) के एक छात्र मार्क एंड्रयू चार्ल्स ने पढ़ाई के प्रेशर और बहुत बेहतर न कर पाने के डर से मौत को गले लगा लिया था। चार्ल्स ने आत्महत्या उस समय की, जबकि तीन दिन बाद उनका आईआईटी-एच से मास्टर ऑफ डिजाइनिंग का कोर्स पूरा होने वाला था। चार्ल्स को आशंका थी कि उनका रिजल्ट बहुत बेहतर नहीं रहेगा, इसलिए उन्होंने जिंदगी के बजाय मौत को चुना।
चार्ल्स ने जो सुसाइड नोट लिखा था, उसमें साफ-साफ लिखा था कि वे जिंदगी के कड़े संघर्ष से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। अपने घर—परिवार, देश-समाज, दोस्तों—मित्रों से बहुत प्यार होने के बावजूद कैरियर में बहुत अच्छा न कर पाने की संभावना मात्र से आत्महत्या कर ली थी। चार्ल्स के साथी छात्रों का कहना था कि वह बहुत प्यारा इंसान था।
इससे पहले पिछले साल मद्रास के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के अंतिम वर्ष के एक छात्र 23 वर्षीय साहुल कोरनाथ ने 22 सितंबर को अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। साहुल कोरनाथ नौसेना वास्तुकला कार्यक्रम में बीटेक-एमटेक की दोहरी डिग्री के लिए पढ़ाई कर रहा था। इस मामले में आशंका जताई गई थी कि अटेंडेंस कम होने के चलते उसने आत्महत्या की।
पिछले साल जून में ही आईआईटी दिल्ली के एक छात्र द्वारा आत्महत्या किये जाने का मामला भी सामने आया था। दिल्ली के आईआईटी से 2010 में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने वाले अंशुमान गुप्ता ने आईआईटी की सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी।
अभी इसी महीने 6 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में नगर कोतवाली क्षेत्र के जरैली कोठी मोहल्ला में किराए पर रहने वाले बीएड के छात्र ने नौकरी न मिलने की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में एसएचओ बलजीत सिंह ने कहा था कि 25 वर्षीय बीएड छात्र नागेंद्र सिंह का शव कमरे की छत में लगे हुक से रस्सी के फंदे में लटका हुआ पाया गया था।
छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की तादाद को लेकर वैज्ञानिक गौहर रजा कहते हैं, 'जिस तरह देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, छात्र अगर आत्महत्या नहीं करेगा तो क्या करेगा। इस देश में जो हो रहा है, सब शासन-प्रशासन की देन है। पहले तो किसान ही आत्महत्या कर रहे थे, लेकिन अब छात्र भी आत्महत्या कर रहे हैं। आत्महत्या का मुख्य कारण पढ़ाई का बहुत ज्यादा दबाव होना भी है।'