जनज्वार की खबर का हुआ असर, विलो मैथर प्लाट कंपनी में कामगारों को दो महीनों का दे दिया वेतन

Update: 2018-07-03 13:13 GMT

कामगारों ने जताया जनज्वार का आभार, कहा ऐसे समय में जब मीडिया बिका हुआ है कंपनी प्रबंधन के दबाव के बावजूद हमारी खबर को जगह देकर किया है हिम्मत का काम

जनज्वार, पुणे। पुणे के पिम्परी चिंचवड़ में स्थित विलो मैथर प्लाट कंपनी में कामगारों को दो महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा था। इससे गुस्साए कामगारों ने कंपनी के दरवाजे पर ही आंदोलन शुरू कर दिया था। जब जनज्वार ने यह खबर प्रकाशित की, तब कम्पनी प्रबंधन की नींद खुल गई। इसके बाद मजदूरों के आंदोलन और मीडिया में बदनामी के डर से कंपनी प्रबंधन ने कामगारों के दो महीनों के वेतन दे दिया है।

ये कामगार विलो मैथर एंड प्लाट पंप्स प्राइवेट लिमिटेड चिंचवड़ में करीब दस साल से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। इन सभी कामगारों को इतना ज्यादा समय से न तो स्थाई किया गया है और न ही समय पर वेतन दिया जाता है।अपनी इन्हीं मांगों को लेकर कामगारों ने आंदोलन छेड़ा हुआ था। जो मजदूर कंपनी के खिलाफ इस आंदोलन में शरीक हैं, उन्हें कंपनी प्रबंधन निकाल बाहर करने की तैयारी में जुटा हुआ था, बल्कि एक तरह से उसने उन्हें बाहर निकाल ही दिया है।

पुणे की विलो मैथर एंड प्लाट पंप्स कंपनी नहीं दे रही कर्मचारियों को दो महीने का वेतन

इस बात को लेकर जब जनज्वार संवाददाता रामदास तांबे कंपनी प्रबंधन से बातचीत करने गए तब उसको भी खबर कवर न करने के लिए प्रबंधन की तरफ से दबाव डाला गया था। लेकिन संवाददाता ने हिम्मत दिखाकर यह खबर देकर कामगारों के मांग को न्याय दिलाने की कोशिश की। तब जाकर कम्पनी प्रबंधन की नींद खुली। उसके बाद कम्पनी प्रबंधन और कामगारों के बीच बातचीत हुई। कम्पनी प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कामगारों के रुका हुआ दो महीनों वेतन उनको दे दिया है।

आंदोलनरत कामगारों ने मीडिया में उनकी खबर को जगह और आवाज देने पर जनज्वार का आभार जताया है।

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