राजस्थान विश्वविद्यालय में पहली बार अध्यक्ष पद पर जीता दलित छात्र नेता

Update: 2018-09-11 11:13 GMT

राजस्थान यूनिवर्सिटी में इतिहास दर्ज करने के लिए सोशल मीडिया पर दलित छात्र नेता विनोद जाखड़ को मिल रही बधाइयां, दलित समाज से जुड़े लोगों ने बताया अपनी बड़ी उपलब्धि....

जनज्वार। राजस्थान विश्वविद्यालय में हुए छात्रसंघ चुनाव में विनोद जाखड़ ने अध्यक्ष पद पर 1860 वोटों से जीत हासिल की है। दलित जाति से संबंध रखने वाले जाखड़ ने यह चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर लड़ा था।

आज जहां देशभर में दलितों पर अत्याचार की तमाम तरह की घटनाएं सामने आती हैं वैसे में निर्दलीय और वह भी दलित छात्र का अध्यक्ष पद पर आसीन हो छात्र राजनीति को दिशा देने का काम करना जा​हिर तौर पर एक बड़ी उप​लब्धि कही जाएगी।

उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की रेनू चौधरी ने जीत हासिल की है। महासचिव पद भी एनएसयूआई के खाते में गया है। इस पद पर आदित्य प्रताप सिंह विजयी घोषित किए गए हैं। संयुक्त सचिव पद पर भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी को जरूर जीत मिली है। एबीवीपी की मीनल शर्मा संयुक्त सचिव बनी हैं, मगर इसे राज्य में सत्तासीन और देश के ज्यादातर राज्यों में सत्तासीन भाजपा के लिए बुरी खबर इस मायने में माना जा सकता है कि युवाओं ने निर्दलीय को छात्र संघ के अध्यक्ष पद की कुर्सी सौंप जता दिया है कि उनका मुख्यधारा के दलों से विश्वास उठ रहा है।

वहीं कांग्रेस के लिए यह एक अच्छा इशारा है कि उसके छात्र संगठन को 2 पद मिले हैं। विनोद जाखड़ भी पहले एनएसयूआई से ही जुड़े हुए थे।

गौरतलब है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनावो में पहली बार अध्यक्ष पद पर किसी निर्दलीय प्रत्याशी और वो भी दलित छात्र ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राजस्थान यूनिवर्सिटी के जोधपुर संभाग के जिलों में जहां कल 10 सितंबर को छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान हुआ था, जबकि प्रदेशभर के अन्य जिलों के 6 संभागों में 31 अगस्त को मतदान हुआ था।

विनोद जाखड़ की जीत की वजह छात्रों के बीच उनकी अच्छी पैठ को माना जा रहा है। गौरतलब है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में वर्ष 2016 और 2017 में भी निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे। तब जीतने वाले एबीवीपी से अलग हुए छात्र नेता थे।

फेसबुक पर सरोज कुमार विनोद की जीत पर लिखते हैं, राजस्थान यूनिवर्सिटी में पहली बार किसी दलित छात्र ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली है. Vinod Jakhar (विनोद जाखड़) ने बतौर निर्दलीय यह कारनामा कर दिखाया है. बधाई दीजिए, यह नीला दौर है!

उम्मेद सिंह लिखते हैं, राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर विनोद जाखड़ (मेघवाल) की जीत ऐतिहासिक है...ये बदलाव का संकेत है। युवा ही बदलाव की बयार ला सकते हैं। धर्म, जाति और सम्प्रदाय को आंख दिखाता ये परिणाम नये समाजशास्त्र को गढ़ेगा। राजस्थान विश्वविद्यालय के युवाओं को सलाम।

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