USCIRF ने भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव पर जताई चिंता, कह दी ये बड़ी बात

Update: 2020-05-15 17:53 GMT

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के अमेरिकी राजदूत सैम ब्राउनबैक ने कहा कि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और गलत सूचना की वजह से भी भारत में मुस्लिमों के खिलाफ दुर्भावना बढ़ी है...

जनज्वार। अमेरिका ने कोरोना वायरस की महामारी के बीच भारत में मुस्लिमों के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाया है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के अमेरिकी राजदूत सैम ब्राउनबैक ने कहा कि मुसलमानो का उत्पीड़न किए जाने की रिपोर्ट दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज और गलत सूचनाओं के जरिये उनके खिलाफ माहौल और खराब हो गया है।

सैम ब्राउनबैक वाशिंगटन में कोविड महामारी के बीच दुनियाभर में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि भारत में हमने कोविड संबंधी उत्पीड़न खासकर मुस्लिमों के साथ भेदभाव की रिपोर्ट मिली हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये अल्पसंख्यकों के बारे में फर्जी समाचार और गलत सूचनाएं फैलने से स्थिति और खराब हो गई। कथित तौर पर कोरोना वायरस फैलाने के लिए मुस्लिमों पर हमले होने की घटनाएं सामने आई हैं।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के बयानों से हम उत्साहित है, जिनमें उन्होंने एकजुटता की अपील की है। पीएम ने पिछले दिनों कहा था कि कोविड-19 धर्म, भाषा या सीमाएं नहीं देखता है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह वास्तविकता है। वहीँ भारत ने कोरोना वायरस फैलाने के लिए मुस्लिमों के उत्पीड़न के आरोपों को दुष्प्रचार करार देते हुए खरिज किया है। पिछले महीने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि आपको जो भी दिख रहा है, अधिकांश पोस्ट स्वार्थी तत्वों का दुष्प्रचार है। इस तरह के ट्वीट से इन देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों से तय नहीं हो सकते हैं।

भारत ने यह बयान ट्विटर पर तमाम अरब देशों के प्रमुख नागरिकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रियाओं के बाद आया था। इनमें आरोप लगाया गया था कि भारत में मुसिल्मों को वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदारी बताया जा रहा है।

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