इवांका ट्रंप आप कभी ज्योति कुमारी के दर्द को नहीं समझ सकतीं

Update: 2020-05-23 03:59 GMT

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने 1200 किलोमीटर साइकिल चलाकर बिहार के दरभंगा पहुंची ज्योति कुमारी को लेकर जो तारीफ की है, उसका एक ही मतलब है कि गरीबों को रोटी नहीं मिल रही तो वह ब्रेड खरीद कर क्यों नहीं खा लेते...

जनज्वार। समाज में सभ्रांत और संपन्न लोगों को गरीबों की मुश्किलें भी आनंदित करती हैं और उनमें चुहल पैदा होती है। कुछ ऐसा ही मामला इवांका ट्रंप के साथ हुआ है, जो उनके भीतर ज्योति कुमारी को लेकर संवेदना पैदा हुई है।

हुआ ये है कि लॉकडाउन के दौरान साइकिल चलाकर अपने घायल पिता को गुरुग्राम से 1200 किमी दूर घर ले जाने वालीं ज्योति कुमारी की खबर इवांका ट्रंप तक पहुंच गईं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ज्योति कुमारी की खबर शेयर करते हुए तारीफ की। उन्होंने कहा कि धीरज और प्रेम के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीय लोगों और साइकिल फेडरेशन का ध्यान खींचा है।

रा इस तारीफ की बारीकी में जाइए तो आखिर में एक शब्द आता है साइकिल फेडरेशन। गजब का दिमाग है इवांका ट्रंप का, जहां गरीबों की सूखी अं​तड़ियों के भीतर से भी बाजार और मुनाफा निकाल लेता है। इवांका स्वतंत्र हैं कुछ भी लिखने के लिए, ​लेकिन ज्योति कुमारी के साहस को सलाम करते हुए साइकिल फेडरेशन का जिक्र क्यों किया? इस पर जरूर सोचा जाना चाहिए।

संबंधित खबर : साइकिल चला गुरुग्राम से दरभंगा 1200 किमी दूर घायल पिता को लेकर पहुंची 15 साल की ज्योति, मदद के लिए उठे हाथ



?s=20

वांका ट्रंप के ट्वीट के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि ज्योति की गरीबी और मायूसी को ऐसे महिमांडित किया जा रहा है, जैसे कि उसने 1200 किलोमीटर तक रोमांच के लिए साइकिल चलाई हो।

वांका ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर 7 दिनों में 1,200 किमी सफर तय करके गांव पहुंची। धीरज और प्यार के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीयों और साइकलिंग फेडरेशन का ध्यान खींचा है।"

वांका ट्रंप के इस ट्वीट पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "उसकी गरीबी और हताशा को ऐसे महिमामंडित किया जा रहा है जैसे कि ज्योति ने रोमांच के लिए 1,200 किलोमीटर साइकिल से सफर किया। सरकार ने उसे असफल कर दिया।"

गौरतलब है कि ज्योति कुमारी और उनके पिता हरियाणा के गुरुग्राम में रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान ज्योति के पिता मोहन पासवान एक दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिससे वह घर जाने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में बेटी ज्योति 10 मई को गुरुग्राम से पिता को साइकिल पर बैठाकर 12 सौ किमी दूर बिहार के दरभंगा रवाना हुईं। वह 16 मई को घर पहुंचीं। ज्योति कुमारी की इस तकलीफ और साहस के बारे में जानकर लोग हैरान हो गए। यहां तक कि इवांका ट्रंप भी प्रभावित होकर ज्योति कुमारी से जुड़ी एक खबर शेयर कर तारीफ करने को मजबूर हो गईं।

ज्योति कुमारी के दरभंगा पहुंचने के बाद कई हाथ मदद को आगे आये। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ज्योति कुमारी को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिये जाने का ऐलान कर चुके हैं, वहीं पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी ने ज्योति को 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। ज्योति जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव जी को धन्यवाद देते हुए कहा, “मैं इन पैसों का उपयोग आगे की पढ़ाई में करना चाहती हूं।”

ज्योति को अब तक डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन और सशस्त्र सीमा बल का दल भी सम्मानित कर चुका है। जिला प्रशासन द्वारा भी ज्योति की प्रशंसा की गई है।

Tags:    

Similar News